सहारनपुर : एक ओर जहां हिन्दू संगठन और कई भाजपा नेता फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद पर आतंकियों को पनाह देने के आरोप लगाते हैं. वही केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. दिनेश उपाध्याय ने इस्लामिक शिक्षण संस्थान का भ्रमण कर इन आरोपों को गलत करार दिया है. साथ ही दारुल उलूम संस्थान की जमकर तारीफ भी की है.
उन्होंने दारुल उलूम की रसोईघर, लाइब्रेरी, रशीदिया मस्जिद आदि में जाकर इनकी व्यवस्थाओं को जाना और उलेमाओं से बातचीत की. उन्होंने यहां के प्रबंधन की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में छात्रों को सभी सुविधाएं मुहैया कराना वास्तव में बड़ा काम है. कई संगठन दारुल उलूम पर विभिन्न आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन मुझे यहां विवादित या देश को हानि पहुंचाने जैसा कुछ नहीं मिला.
दारुल उलूम केवल एक शिक्षण संस्थान है केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सदस्य एवं राज्यमंत्री डॉ. दिनेश उपाध्याय रविवार को एक निजी कार्यक्रम सम्मिलित होने के लिए कस्बा देवबन्द आये थे. कार्यक्रम से निपटने के बाद वे दारुल उलूम संस्थान का भ्रमण करने पहुंचे. यहां उन्होंने दारुल उलूम के प्रबंध तंत्र से मुलाकात कर इस्लामिक शिक्षा के साथ-साथ वहां आए छात्रों के बारे में जानकारी ली. यहां से निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से भ्रमण के अनुभवों को साझा किया.
उन्होंने बताया कि इस इस्लामिक शिक्षण संस्थान में भारत के ही नहीं विदेशों से भी छात्र मजहबी तालीम लेने आते हैं. आतंकी गतिविधियों पर उठे सवालों पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद यहां ही नहीं बल्कि पूरे भारत के अंदर हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश में जगह-जगह आतंकी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन एक स्थान को ही चिन्हित करके दोषारोपित करना सही नहीं माना जा सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि दारुल उलूम एक शिक्षण संस्थान है. यहां कम्प्यूटर, इंग्लिश, उर्दू आदि कई भाषाओं में पढ़ाई कराई जा रही है. मैं इसको केवल एक शिक्षण संस्थान के तौर पर देखता हूं. इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने में सिखों को जिम्मेदार बताया जबकि राजीव गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई रंग, रूप या धर्म नहीं होता.