सहारनपुर: जनपद में बहुजन समाज पार्टी को उपचुनाव से ठीक पहले बड़ा झटका लगा है. बसपा सुप्रीमो मायावती के नजदीकी रहे पूर्व विधायक रविंद्र कुमार मोल्हू, वर्तमान जिलाध्यक्ष ऋषिपाल गौतम और पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन अनिता चौधरी समेत दर्जनों से ज्यादा पदाधिकारियों ने भाजपा का दामन थाम लिया. कयास लगाए जा रहे हैं कि एक साथ बड़ी संख्या में बसपा नेताओं के बीजेपी में शामिल होने से गंगोह विधानसभा में हो रहे चुनाव पर खासा असर पड़ने वाला है.
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बीजेपी में शामिल हुए मायावती के करीबी
केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार आने के बाद सभी दलों में उठापटक चल रही है. कांग्रेस, सपा और बसपा समेत तमाम दलों के नेता पार्टी छोड़ बीजेपी का कमल खिलाने में लगे हैं. ऐसा ही कुछ सहारनपुर की राजनीति में हुआ है, जहां बसपा सुप्रीमो मायावती के चेहते और नजदीकी रहे पूर्व विधायक रविन्द्र कुमार मोल्हू के नेतृव में बड़ी संख्या में बसपा नेता बीजेपी में शामिल हुए है.
रविन्द्र कुमार मोल्हू बसपा से दो बार विधायक रह चुके हैं. उनके साथ बसपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष ऋषिपाल गौतम, पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन, पूर्व ब्लॉक प्रमुख घनश्याम सिंह, मंडल कोऑर्डिनेटर कर्म सिंह सैनी, बसपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी नवीन चौधरी, आधा दर्जन जिला पंचायत सदस्यों समेत तमाम कार्यकर्ता हाथी का साथ छोड़ कमल पर सवार हो गए.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सभी नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाने के साथ उनका पार्टी में स्वागत किया. बीजेपी में शामिल हुए बसपा नेताओं ने न सिर्फ बसपा की नीतियों पर सवाल खड़े किए है, बल्कि टिकट बंटवारे पर भी सौदेबाजी के आरोप लगाया. उधर उपचुनाव से ठीक पहले बसपा नेताओं के पार्टी छोड़ने पर बहुजन समाज पार्टी नेताओं में खलबली मच गई है.