सहारनपुर:जिले में कोरोना वायरस की वजह से किसानों की ज्यादातर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. वहीं किसानों की बची हुई फसलों का वाजिब दाम नहीं मिलने पर किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. किसानों का अभी तक गन्ने का बकाया भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में आगामी पेराई सत्र में डिजिटल पर्चियां भेजने की व्यवस्था के बाद से किसानों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन ने न सिर्फ सवाल खड़े किए, बल्कि राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने डिजिटल पर्चियों के साथ 14 दिन में गन्ने का डिजिटल भुगतान करने की मांग की है.
भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसान हित के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही, बल्कि सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में किसानों के हालात खराब होती जा रहे हैं. किसानों के गन्ने का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. अगले सीजन के लिए गन्ने की फसल दोबारा तैयार हो चुकी है और धान की फसल भी पकने लगी हैं. ऐसे में धान की खरीद होगी या नहीं होगी ये देखना होगा. एग्रीकल्चर की थीम में सरकार नए अध्यादेश लेकर आ रही है, लेकिन इन अध्यादेशों में किसानों की क्या स्थिति होगी, ये देखना होगा.