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Published : Nov 25, 2020, 3:28 PM IST

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'लव जिहाद अध्यादेश' पास होने पर बजरंग दल ने सरकार का जताया आभार

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कैबिनेट बैठक में 'लव जिहाद अध्यादेश' के पास होने पर सरकार का आभार जताया. बजरंग दल के प्रांतीय संयोजक विकास त्यागी ने केंद्र सरकार से भी पूरे देश में 'लव जिहाद कानून' लाने की मांग की, जिससे लव जिहाद को लेकर अन्य देशों से हो रही फंडिंग पर रोक लगे और धर्म परिवर्तन कराने वालों पर सख्त कार्रवाई हो.

ordinance against unlawful religious conversion
बजरंग दल के प्रांतीय संयोजक विकास त्यागी.

सहारनपुर : मंगलवार को कैबिनेट बैठक में पास हुए 'लव जिहाद अध्यादेश' को लेकर जहां विभिन्न संगठनों के अंदर काफी उत्साह है तो वहीं लंबे समय से लव जिहाद कानून की मांग कर रहे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कुछ समय पहले एक रैली को संबोधित करते हुए लव जिहाद कानून जल्द लाने की बात कही थी, जिस पर मंगलवार को कैबिनेट बैठक में मुहर लग गई.

लव जिहाद अध्यादेश के पास होने पर जिले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया. बजरंग दल के प्रांतीय संयोजक विकास त्यागी ने केंद्र सरकार से भी मांग की है कि लव जिहाद कानून केंद्र में भी लागू किया जाए, जिससे कि अन्य देशों से लव जिहाद पर हो रही फंडिंग व हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाने वाले लोगों पर जल्द लगाम लगाई जा सके.

क्या है लव जिहाद पर लाया गया अध्यादेश
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' को मंजूरी दे दी है. मंगलवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई. अध्यादेश के मुताबिक, धर्म बदलकर शादी के लिए 2 महीने पहले नोटिस देना होगा. साथ ही, धर्म बदलकर शादी के लिए डीएम से भी अनुमति लेनी होगी. इस अध्यादेश में सजा का भी प्रावधान किया गया है. नाम छिपाकर शादी करने पर 10 साल की सजा होगी.

अध्यादेश के मुख्य बिंदु

  • सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में सामाजिक संगठनों का पंजीकरण निरस्त किया जाएगा और उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा सकेगी.
  • धर्म छिपाकर दूसरे धर्म में किए गए विवाह के संज्ञान में आने पर ऐसा विवाह मान्य नहीं होगा.
  • झूठ, बल, प्रलोभन या किसी कपट पूर्ण माध्यम से कराए गए धर्मांतरण पर आरोपी के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज होगा और इसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में होगी.
  • यह अध्यादेश अवयस्क महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संबंध में ऐसे धर्म परिवर्तन के लिए वृहद दंड का प्रावधान करेगा.

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