सहारनपुर: बसपा ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में कमर कस ली है. रविवार को बसपा ने सबसे पहले सहारनपुर सीट से लोकसभा प्रभारी की घोषणा की है. देवबंद के रहने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पति माजिद अली को लोकसभा प्रभारी बनाया है. बाकायदा बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देशानुसार एक दिवसीय कार्यकर्त्ता सम्मेलन कर माजिद अली के नाम की घोषणा की गई है. पश्चिमी यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राइन ने माजिद अली को लोकसभा प्रभारी एवं प्रत्याशी घोषित किया है. बसपा नेता शमसुद्दीन राइन को 2020 में थाना नौचंदी में दर्ज एक मामले में पुलिस तलाश रही है. उनके खिलाफ NBW जारी हुआ है. इसके बावजूद वह मंच से भाषण देते नजर आए.
बता दें कि सहारनपुर के दाबकी रोड़ के एक पैलेस में बसपा ने एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया. सम्मलेन में पश्चिमी यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राइन बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे. यहां उन्होंने सहारनपुर लोकसभा सीट के लिए माजिद अली के नाम की घोषणा की.
वहीं, मंच से शमसुद्दीन राइन ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने भाजपा के लोगों को डराकर वोट लिया. यूपी में सपा भी भाजपा को डराकर वोट लेती रही. उन्होंने कहा कि बसपा ने बीजेपी से समर्थन लेकर सरकार बनाई लेकिन भाजपा को समर्थन देकर सरकार नहीं बनने दी. राजनीति में भी सामाजिक समझौते की जरूरत पड़ती है. राजनीति समझौते से कुछ नहीं होता.
कोर्ट ने दिया है गिरफ्तारी का आदेश
बसपा के पश्चिमी यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राइन को कोर्ट ने गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. वर्ष 2020 में मेरठ के थाना नौचंदी में मारपीट और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. एक कार्यकर्ता से मारपीट करने और जातिसूचक शब्द प्रयोग करने के मामले में बसपा के वेस्ट यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राइनी को कोर्ट ने गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही धारा 82 के तहत कार्रवाई के लिए भी कहा है. पुलिस ने वादी पक्ष के बयान दर्ज किए. शमसुद्दीन को भी बुलाया गया था लेकिन वह नहीं पहुंचे. इसके बाद पुलिस ने शमसुद्दीन राइन को एक के बाद एक पांच नोटिस जारी किए. पुलिस के मुताबिक़ 21 सितंबर 2023 को कोर्ट ने गैरजमानती वारंट ( NBW ) जारी कर दिए. अदालत ने उन्हें 18 अक्तूबर को पेश होने की हिदायत दी थी.
इसके बाद गैरजमानती वारंट के खिलाफ शमसुद्दीन ने एक अर्जी कोर्ट में दाखिल की थी. कोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया. अदालत की ओर से अब पुलिस को हिदायत दी गई है कि या तो शमसुद्दीन को गिरफ्तार करें या फिर 82 की कार्रवाई से जुड़ी प्रक्रिया शुरू की जाए.पुलिस अभी तक शमसुद्दीन को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर शमसुद्दीन पर पुलिस इतनी मेहरबान क्यों हैं?
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