रामपुर:अयोध्या मामले के फैसले को लेकर जहां देश भर की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हैं. वहीं रामपुर में भी 12 साल पुराने सीआरपीएफ सेंटर पर हुए आतंकी हमले के मामले में फैसला आने वाला है. 12 साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 01 नवम्बर की तारीख तय की है. माना जा रहा है कि लंबे इंतजार के बाद अब सीआरपीएफ आतंकी हमले के इस मामले में जल्द ही दोषियों को सजा सुनाई जाएगी.
31 दिसंबर 2007 और 1 जनवरी 2008 की मध्यरात्रि में जब दुनिया पटाखे छोड़ कर नए साल का जश्न मना रही थी, तभी रामपुर के सीआरपीएफ के ग्रुप सेन्टर पर आतंकियों ने स्वचालित हथियारों से गोलीबारी करते हुए हमला कर दिया था. इस खूनी तांडव में 7 जवान शहीद हो गए थे. एक रिक्शा चालक की भी मौत हमले में हो गई थी.
इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया था. लगभग 12 साल से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. अब इस केस के जजमेंट की तारीख एक नवम्बर दी गयी है. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि शायद एक नवंबर को इस मामले पर कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है.
आतंकी हमले में मरने वालों के नाम:
- हवलदार रामजी सरन मिश्र
- हवलदार अफजाल अहमद
- हवलदार ऋषिकेश राय
- सिपाही आनन्द कुमार
- सिपाही मनवीर सिंह
- सिपाही विक्रम कुमार
- सिपाही देवेंद्र कुमार
- किशन लाल, रिक्शा चालक
वहीं ईटीवी भारत संवाददाता ने बचाव पक्ष के वकील जमीर रिजवी से बात की तो उन्होंने इस पूरे मामले के बारे में शुरू से बताया. उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर 2007 और 01 जनवरी 2008 की रात को 2 बजकर 30 मिनट पर रामपुर सीआरपीएफ सेन्टर पर कुछ अज्ञात लोगों द्वारा हमला किया गया था. यह हमला आतंकवादी हमला था और इसमें सीआरपीएफ के 7 जवान शहीद हुए थे और एक रिक्शा चालक भी मारा गया था. यह मामला अपर जिला जज थर्ड के यहां विचाराधीन है.
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