आज जब हर कुछ दिनों में आपके घरों के बल्ब फ्यूज़ हो जाते हैं, तब सौ साल से भी ज़्यादा वक्त से अगर कोई बल्ब लगातार रोशनी बिखेर रहे हों तो यकीनन आप उस समय के मैन्युफैक्चरर्स की दाद देंगे. लेकिन ऐसा क्या खास था उस समय के इन बल्बों में जो बिना बुझे लगातार काम किए जा रहे हैं. क्या ऐसा मुमकिन है?
रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी है ख़ास
उत्तर प्रदेश के रामपुर की ऐतिहासिक रजा लाइब्रेरी अपनी कई खूबियों के लिए दुनियाभर में जानी जाती है. रामपुर के तत्कालीन नवाब फैज़ुल्ला खान ने 1774 में रज़ा लाइब्रेरी की स्थापना की थी. इस लाइब्रेरी में दुर्लभ पांडुलिपि(manuscript),ऐतिहासिक दस्तावेज़, मुगलकालीन पेन्टिंग्स, किताबें, अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े उपकरण और अन्य बहुमूल्य कलाकृतियों का भंडार है. अरबी, फारसी भाषा में कुछ दुर्लभ ग्रंथ आपको इस लाइब्रेरी में मिलेंगे. यहां 60,000 से ज़्यादा पुस्तकों का विशाल भंडार है.
125 साल पुराने बल्ब से रौशन रज़ा लाइब्रेरी
रज़ा लाइब्रेरी का दरबार हॉल की खूबसूरती की मिसाल आज भी दी जाती है और इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं यहां के झाड़ फानूस. लेकिन झाड़ फानूस जब तक रोशनी न बिखेरें तब तक उनका कोई मतलब नहीं.बिजली आने के बाद इन फानूसों में खास किस्म के बल्ब लगाए गए. करीब 125 साल पहले लगाए गए ये बल्ब आज भी बिना बुझे लगातार जल रहे हैं और पूरे हॉल को जगमग कर रहे हैं.
रजा लाइब्रेरी के निदेशक सादिक़ इस्लाही बताते हैं कि दरबार हाल में लगे झाड़ फानूस 125 साल पुराने हैं और 125 साल में अब तक उसके बल्ब काम कर रहे हैं. झाड़ फानूस में सोने की नक्काशी की गई है. दरबार हाल के पिलर, उसकी सीलिंग पर नक्काशी इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देती है. सादिक इस्लाही बताते हैं कि नवाब साहब का उस वक्त अपना पावर हाउस था जिसकी वजह से उन्होंने यह झाड़ फानूस लगवाए थे.
125 साल का राज़ क्या ?
क्या कोई बल्ब इतने साल तक चल सकता है ये जानने के लिए हमने रामपुर के रेडिको खैतान में कार्यरत इलेक्ट्रिकल इंजीनियर शिवेंद्र यादव से जानकारी ली. उन्होंने बताया कि 125 सालों से बल्ब जल रहा है तो इसका सबसे बड़ा कारण है पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम.उनका कहना है कि उस समय फ्लकचुएशन की समस्या नहीं होगी. अगर पावर सप्लाई में फ्लकचुएशन नहीं है तो जो भी इलेक्ट्रिक उपकरण हैं, उनकी लाइफ बढ़ जाती है. जैसे घरों में 220 वोल्ट का इस्तेमाल होता है. अगर सर्वो स्टेबलाइजर का इस्तेमाल होता है, अगर सर्वो स्टेबलाइजर लिया हुआ है तो वोल्टेज फ्लकचुएशन लगभग ना के बराबर होगा. शिवेंद्र यादव ने बताया कि एलईडी या सीएफएल बल्ब की नॉर्मल लाइफ 5 से 10 साल होती है. ऐसे में रज़ा लाइब्रेरी में लगे बल्बों की चमकदार रोशनी और इतनी लंबी लाइफ अनोखी कही जाएगी.
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