उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

रामपुर पहुंचीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, रजा लाइब्रेरी की प्रशंसा की

यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सोमवार को रामपुर पहुंचीं. यहां पर उन्होंने रामपुर रजा लाइब्रेरी के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसा बड़ा ज्ञान का सागर इतनी बड़ी लाइब्रेरी पहली बार देखी है.

etv bharat
रामपुर पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल.

By

Published : Feb 17, 2020, 10:56 PM IST

रामपुर: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक सोमवार को रामपुर पहुंचीं. रामपुर रजा लाइब्रेरी में एक वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. इस दौरान रजा लाइब्रेरी के रंग महल का हॉल खचाखच भरा हुआ था.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लाइब्रेरी की प्रशंसा की
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मैंने ऐसा बड़ा ज्ञान का सागर पहली बार देखा है. स्कूलों में भी लाइब्रेरी होती है. राज्य सरकार में भी होती है, राष्ट्रपति भवन में भी लाइब्रेरी होती है और अनेक स्थानों पर लाइब्रेरी होती है, लेकिन इससे ज्यादा भव्य बिल्डिंग बड़ा सभागार और इतनी पुस्तकें यहां पर हैं. उतनी कही पर नही है. सालों से लाइब्रेरी के सभी सदस्य और निर्देशक इसमें कुछ न कुछ नया करते रहते हैं.

रामपुर पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल.

पीएचडी के स्टूडेंट्स भी यहां आकर अपना अपना काम करते रहते हैं. यह देखने के बाद मेरे मन में एक विचार आया है. यह भव्य ज्ञान पूरे देश में जाना चाहिए. मुझे यहां पर कई चित्र दिखाए गए. मैंने पहली बार ऐसे चित्र देखें हैं. पेंटिंग के पत्र होते हैं, लेकिन एक पेड़ के पत्ते पर किस तरह पेंटिंग की गई है, जिसने भी एक किया होगा उसके पास कितनी बड़ी कला होगी.

इसे भी पढ़ें-रामपुर: सड़क हादसे में 4 लोगों की मौत

'राजभवन सबके लिए किया जाए ओपन'
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यूपी का राजभवन कैसा है, किसने बनाया है, क्यों बनाया है, इसमें क्या-क्या पुराने जमाने की चीजें हैं, इस बारे में लोगों को पता होना चहिए. इसलिए मैं सबसे कहती हूं. राजभवन सबके लिए ओपन कर दें, ताकि सब लोग देख सकें.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इसी वजह से मैंने पूरे यूपी में धीरे-धीरे करके सभी जिलों में पढ़ने का ऐसा कार्यक्रम शुरू करवा दिया है. लखनऊ में सबसे पहले एक कार्यक्रम की ऐसी शुरुआत करवाई, जिसमें पांचवी कक्षा से लेकर कॉलेज के स्टूडेंट तक 9 लाख 45 हजार बच्चों ने एक साथ 45 मिनट पढ़ने का काम किया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details