अनुप्रिया पटेल ने रामपुर में जनसभा को संबोधित किया. रामपुर :केंद्रीय मंत्री व अपना दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने शनिवार को जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान सपा नेता आजम खान का नाम लिए बिना ही उन पर निशाना साधा. कहा कि पहले जनता ने जिस पर भरोसा जताया था वे रामपुर को अपनी जागीर समझते रहे. जनता ने ऐसे लोगों को लोकतंत्र के मायने समझाने का काम किया.
मुस्लिम समाज में पैठ बनाने की कोशिश :रामपुर की स्वार विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अपना दल से शफीक अहमद अंसारी के जीत जाने के बाद अब संगठन की निगाहें पश्चिम उत्तर प्रदेश पर टिक गईं हैं. मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र रामपुर में मुस्लिम समाज में लोकसभा चुनाव से पहले पैठ बनाने की कोशिश की जा रही है. शनिवार को स्वार विधायक शफीक अहमद अंसारी ने फिजिकल ग्राउंड में मंडलीय कार्यकर्ता सम्मेलन को लेकर एक जनसभा का आयोजन किया. मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री अनुप्रिया पटेल थीं. अपना दल के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल भी मौजूद थे. जनसभा में काफी लोग पहुंचे थे.
विपक्ष में बैठते ही आने लगी जातीय जनगणना की याद :संबोधन के दौरान अनुप्रिया पटेल ने सपा नेता आजम खान का नाम लिए बगैर उन पर कटाक्ष किया. कहा कि रामपुर राजनीतिक रूप से बड़ी चर्चाओं का केंद्र बना रहा है. रामपुर की जनता ने जिन लोगों को पहले यहां मौका दिया, जिन पर भरोसा जताया. उन्होंने रामपुर को अपनी व्यक्तिगत जागीर समझ ली. रामपुर पर हुकूमत करते वक्त वह यह भूल गए कि जनता को फायदा होना चाहिए. जनता ने ऐसे लोगों की गलतफहमी को तोड़ा और उन्हें लोकतंत्र के सही मायने समझाने का काम किया. जातीय जनगणना पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिनके पास चार-चार बार उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने का मौका मिला. उन्होंने अपने कार्यकाल में जातीय जनगणना का एक बार भी नहीं सोचा. आज विपक्ष में बैठते ही उन्हें पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की याद सताने लगी.
ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विसेज के गठन पर जोर :अनुप्रिया पटेल ने कहा मेडिकल की नीट की परीक्षा में पीजी के एडमिशन में पिछड़ों का आरक्षण लागू नहीं है. यह विषय कई बार उठा. हमने देश के प्रधानमंत्री के समक्ष नीट में पीजी के एडमिशन में पिछड़ों का कोटा लागू करने की आवश्यकता का विषय उठाया. हमारी मांग पर प्रधानमंत्री मोदी ने उसे तुरंत लागू किया. हमारी अदालत में जो लंबित मुकदमों का अंबार है. समय से न्याय नहीं मिल पाता है, क्योंकि हमारे पास न्यायधीशों की कमी है. आज भी 10 लाख की आबादी पर 10 से 20 न्यायाधीश हैं. हमें न्यायाधीशों की संख्या बढ़ानी है तो देश में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विसेज का गठन होना चाहिए. अपना दाल बराबर इसकी मांग कर रहा है.
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