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रामपुर: SIT को सौंपी गई जौहर यूनिवर्सिटी की एक और जांच - jauhar university case

रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी में सरकारी धन लगाने और सरकारी जमीन कब्जाने के मामले में एसआईटी जांच के लिए प्रशासन ने अपनी तरफ से जानकारी भेज दी है.

जौहर यूनिवर्सिटी रामपुर.

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Published : Jul 29, 2019, 8:12 PM IST

रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद आजम खां पर एसआईटी जांच का शिकंजा कसता जा रहा है. जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर सरकारी धन के दुरुपयोग और शत्रु संपत्ति सहित नदी और रेत की सरकारी जमीनों को कब्जाने की शिकायत पर शासन द्वारा बैठाई गई एसआईटी की जांच अब तेजी से आगे बढ़ रही है. शासन की मांग पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है, जिसके आधार पर एसआईटी इन गंभीर आरोपों की जांच करेगी.

जानकारी देते अपर जिलाधिकारी.

जिला प्रशासन ने एसआईटी को भेजी जांच रिपोर्ट
रामपुर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल सलाम की शिकायत पर शासन ने एसआईटी जांच बैठा दी थी. एसआईटी आजम खां पर लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच कर रही है. इनमें सरकारी विभागों सीएनडीएस विभाग, लोक निर्माण विभाग और जल निगम द्वारा 88 करोड़ रुपये का सरकारी धन जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर लगाया जाना अभी तक प्रकाश में आया है, जिसकी विस्तृत जानकारी जिला प्रशासन ने एसआईटी को प्रेषित कर दी है.

सरकारी धन के दुरुपयोग के अलावा जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों को कब्जाने की भी शिकायत की गई थी, जिसमें 13 हेक्टेयर से अधिक शत्रु संपत्ति और पांच हेक्टेयर से अधिक नदी की भूमि को जौहर यूनिवर्सिटी द्वारा कब्जाने और सात हेक्टेयर रेत की भूमि भी जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल किए जाने की बात प्रकाश में आई है, जिसकी विस्तृत जानकारी प्रशासन ने अपनी एक रिपोर्ट बनाकर एसआईटी को भेज दी है.

इस मामले पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन जेपी गुप्ता का कहना है कि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल सलाम की शिकायत पर यहां से एक जांच 29-6-2019 को भेजी गई थी, जिसके आधार पर शासन ने एसआईटी को जांच करने के लिए निर्देश दिया था, उसी क्रम में उन्होंने संपत्ति का विवरण हमसे मांगा है, जो फाइनेंसियल चीजें हुई हैं, वह मांगी गई हैं, जो जांच आख्या हैं, वे मांगी गई हैं, गाइड लाइन मांगी गई है.

शिकायत में जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर शत्रु संपत्ति नदी की भूमि रेत की भूमि अन्य सरकारी भूमि के साथ-साथ वहां पर जो सरकारी धनराशि लगी है, उसके संबंध में शिकायत की गई थी. जो सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, सीएनडीएस से लोक निर्माण विभाग से जल निगम से वह 88 करोड़ 29 लाख की है. उस शिकायत में शत्रु संपत्ति के बारे में नदी की रेत के बारे में बात उठाई गई थी. उसका विवरण हम भेज रहे हैं, जिसमें शत्रु संपत्ति के रूप में लगभग 13 हेक्टेयर भूमि है. उसको हम भेज रहे हैं. पांच हेक्टेयर नदी की भूमि है, जो अवैध रूप से काबिज है.

हमारी जांच में शत्रु संपत्ति है और उस बिंदु को उन्होंने उठाया हुआ है. उन्होंने हमसे सिर्फ जांच आख्या की कॉपियां मांगी है. वह हम उनको दे रहे हैं. अब यह एसआईटी अपने स्तर से देखेगी उनके कौन-कौन से जांच के बिंदु हैं.
जे. पी. गुप्ता, अपर जिलाधिकारी

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