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रामपुर में बच्चा चोर गिरोह के खौफ से स्कूलों में पसरा सन्नाटा, आ नहीं रहे बच्चे

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Published : Sep 8, 2022, 4:55 PM IST

रामपुर में बच्चा चोर गिरोह के खौफ के चलते सरकारी स्कूलों में सन्नाटा पसर गया है. अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं.

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स्कूलों में पसरा सन्नाटा.

रामपुरःयूपी में इन दिनों बच्चों चोर गैंग का हल्ला मच रहा है. रामपुर (Rampur) में भी इन दिनों बच्चा चोर गिरोह (child thief gang) का खौफ छाया हुआ है. ऐसे में डर के चलते अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में जबर्दस्त गिरावट आई है. वहीं, शिक्षक अभिभावकों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी इस मामले में बच्चों के माता-पिता से अपील की है कि वे बच्चों को स्कूल भेजें, उनका भविष्य खराब न करें.

जनपद रामपुर की तहसील बिलासपुर के पंजाब नगर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय और जूनियर विद्यालय में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. पंजाब नगर के प्राथमिक विद्यालय में 48 बच्चों के रजिस्ट्रेशन हैं. ईटीवी भारत की टीम को स्कूल में तीन बच्चे ही पढ़ते मिले. इसके पास ही प्राथमिक जूनियर विद्यालय है जहां पर 18 बच्चों के रजिस्ट्रेशन हैं वहां पर कुल एक छात्रा ही पढ़ रही थी. टीचरों ने बताया कि बच्चा चोर गिरोह की दहशत से अभिभावक बच्चों को नहीं भेज रहे हैं.

स्कूलों में पसरा सन्नाटा.

प्राथमिक विद्यालय की इंचार्ज निकिता शर्मा ने बताया कि स्कूल में 48 बच्चों के नामांकन हैं. इस समय तीन बच्चे ही उपस्थित हैं. ज्यादातर बच्चे गैरहाजिर हैं. अफवाह फैली हुई है कि बच्चा उठाने वाले आ रहे हैं इसलिए माता-पिता बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. 3 बच्चे भी इसलिए यहां पर स्कूल में मौजूद है इनके पेरेंट्स इन को लेकर भी आते हैं और छुट्टी के बाद लेकर भी जाते हैं. निकिता शर्मा ने कहा कि पिछले 8 से 10 दिन से बच्चे बहुत कम आ रहे हैं.

इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कल्पना सिंह का कहना है कि बच्चे कम आ रहे हैं. स्कूल से इसकी जानकारी मुझे हुई थी. कल और आज भी मैंने ब्लॉकों का भ्रमण किया हैं. मैं आज बिलासपुर के स्कूलों में गई थी, जहां पर बच्चों की संख्या कम मिली. इसके बारे में जब जानकारी की तो पता चला कि अभिभावक किसी डर और आशंका की वजह से बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. इस संबंध में मैंने अभिभावकों को भी बुलाया था उनसे बात की थी और गांव के प्रधान से भी बात की थी. मैंने अभिभावकों से कहा था कि आप बच्चों को स्कूल भेजें. स्कूल टाइम में आपका बच्चा सुरक्षित रहेगा. स्कूल के बाद आप अपने बच्चों को अपने घर ले जाइए. घर बैठाकर के बच्चों का भविष्य खराब न करिए.

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