रामपुरःआजादी से पहले रामपुर में नवाबों की हुकूमत थी. यहां नवाबों का 1774 से लेकर 1949 तक राज रहा. लगभग 175 साल हुकूमत के दौरान नवाबों के अपने कानून होते थे और जनता को उसी हिसाब से चलना पड़ता था. यहां तक कि नवाबों का अपना रेलवे स्टेशन था, जहां हर समय दो समय दो बोगियां खड़ी रहती थीं. नवाब साहब या उनके परिवार को कहीं जाना होता था रेलवे स्टेशन पहुंच जाते थे. वहां से उन्हें जहां पर भी जाना होता था उस ट्रेन के साथ उनकी बोगियों को जोड़ दिया जाता था. लेकिन संपत्ति विवाद के कारण अब नवाब स्टेशन अपनी बर्बादी पर आंसू बहा रहा है.
गौरतलब है कि नवाब साहब ने अपना एक रेलवे स्टेशन बनवाया था, जहां पर उनकी अपनी खुद के दो रेल के डिब्बे खड़े रहते थे. दोनों रेल के डिब्बे नवाब साहब के आलीशान और हर सुविधा से लैस थे. इसमें खूबसूरत और बेशकीमती पेंटिंग और कालीन बिछे हुए रहते थे. रेल के डिब्बों को एक महल की तरह उनको बनाया गया था. नवाब साहब या उनके परिवार को दिल्ली, लखनऊ आदि कहीं भी जाना होता था तो नवाब साहब के रेल के डिब्बों को ट्रेन के साथ जोड़ दिया जाता था. संपत्ति विवाद के आज नवाब साहब का स्टेशन खंडहर हो गया है और बोगियों को जंग लग गया है. अब नवाब साहब के रेलवे स्टेशन पर साइकिल मोटर साइकिल का स्टैंड बन गया है. बता दें रामपुर के आखिरी नवाब नवाब रजा अली खान थे.