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रामपुर नवाब खानदान का था अपना रेलवे स्टेशन और आलीशन कोच, आज बदहाली पर बहा रहा आंसू - ईटीवी भारत यूपी समाचार

रामपुर में नवाबों का रेलवे स्टेशन खंडहर में तब्दील हो गया है और उनकी आलीशान रेल डिब्बे में जंग लग चुका है. आइए जानते हैं कि रामपुर के नवाबों का कैसा रुतबा था.

रामपुर नवाब खानदान का था अपना रेलवे स्टेशन.
रामपुर नवाब खानदान का था अपना रेलवे स्टेशन.

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Published : Nov 28, 2021, 6:42 PM IST

रामपुरःआजादी से पहले रामपुर में नवाबों की हुकूमत थी. यहां नवाबों का 1774 से लेकर 1949 तक राज रहा. लगभग 175 साल हुकूमत के दौरान नवाबों के अपने कानून होते थे और जनता को उसी हिसाब से चलना पड़ता था. यहां तक कि नवाबों का अपना रेलवे स्टेशन था, जहां हर समय दो समय दो बोगियां खड़ी रहती थीं. नवाब साहब या उनके परिवार को कहीं जाना होता था रेलवे स्टेशन पहुंच जाते थे. वहां से उन्हें जहां पर भी जाना होता था उस ट्रेन के साथ उनकी बोगियों को जोड़ दिया जाता था. लेकिन संपत्ति विवाद के कारण अब नवाब स्टेशन अपनी बर्बादी पर आंसू बहा रहा है.

रामपुर नवाब खानदान का था अपना रेलवे स्टेशन.


गौरतलब है कि नवाब साहब ने अपना एक रेलवे स्टेशन बनवाया था, जहां पर उनकी अपनी खुद के दो रेल के डिब्बे खड़े रहते थे. दोनों रेल के डिब्बे नवाब साहब के आलीशान और हर सुविधा से लैस थे. इसमें खूबसूरत और बेशकीमती पेंटिंग और कालीन बिछे हुए रहते थे. रेल के डिब्बों को एक महल की तरह उनको बनाया गया था. नवाब साहब या उनके परिवार को दिल्ली, लखनऊ आदि कहीं भी जाना होता था तो नवाब साहब के रेल के डिब्बों को ट्रेन के साथ जोड़ दिया जाता था. संपत्ति विवाद के आज नवाब साहब का स्टेशन खंडहर हो गया है और बोगियों को जंग लग गया है. अब नवाब साहब के रेलवे स्टेशन पर साइकिल मोटर साइकिल का स्टैंड बन गया है. बता दें रामपुर के आखिरी नवाब नवाब रजा अली खान थे.

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इतिहासकार नफीस सिद्दीकी ने बताया कि रामपुर के नवाबों को ब्रिटिश हुकूमत ने कुछ स्पेशल सहूलियत दी गईं थी. नवाब साहब को कहीं जाना होता था तो उनकी स्पेशल बोगी को ट्रेन में जोड़ दिया जाता था. वे अपने स्पेशल डिब्बों से ही जाते थे. उन्होंने बताया कि यह स्पेशल डिब्बे अपने वक्त के खास माने जाते थे. क्योंकि हर डिब्बे के अंदर खूबसूरत और ओरिजिनल पेंटिंग लगी थी और कालीन बिछी हुई थी. उन्होंने बताया कि बोगी में लगी पेंटिंग अब लापता हो गई हैं कालीन पड़ी हुई है. उन्होंने बताया कि नवाब साहब का स्पेशल ट्रेन के डिब्बे जैसा जैसा आज भी कोई ऐसा ट्रेन का कोच नहीं है.

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