रामपुरःसमाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान को भड़काऊ भाषण में बीते दिनों बरी कर दिया गया. रामपुर के एमपी एमएलए मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने आजम खान को 3 वर्ष की सजा सुनाई थी. इसकी वजह से उनकी विधायकी भी रद्द कर दी गई थी. इस फैसले के खिलाफ सपा नेता ने रामपुर के ही एमपी एमएलए सेक्शन कोर्ट में याचिका दायर की थी. यहां फैसला आजम खान के पक्ष में आया. लेकिन, अब इस फैसले को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. जिले की निचली अदालत से सजा और फिर सत्र न्यायालय से बरी होना, सुर्खियां बटोर रहा है. खबर यह भी आ रही है कि आजम खान के खिलाफ एफआईआर कराने वाले अधिकारी ने जिला निर्वाचन अधिकारी के दबाव में मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है.
आजम खान के मामले में दोनों अदालतों में सरकार की पैरवी करने वाले संयुक्त निर्देशक अभियोजन अधिकारी शिव प्रकाश पांडे से ईटीवी भारत ने इस बारे में बातचीत की. उन्होंने बताया कि आजम खान को 27 अक्टूबर 2022 को भड़काऊ भाषण मामले में सजा हुई थी. न्यायालय ने सभी साक्ष्यों का मूल्यांकन किया था. इसके बाद फैसला दिया था. विरोधी पक्ष ने उस समय कोई टिप्पणी भी नहीं की थी. न ही किसी प्रकार का विरोध किया गया था. हालांकि, इस फैसले के खिलाफ बचाव पक्ष ने एमपी एमएलए सत्र न्यायालय में अपील दाखिल की थी. इसमें गुरुवार को फैसला आया है. एमपी एमएलए सेक्शन कोर्ट ने आजम खान को दोषमुक्त करार दिया.