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दिल्ली जा रहे किसानों को पुलिस ने रामपुर में रोका, धरने पर बैठे किसान

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली जा रहे भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ वारसी को पुलिस ने रामपुर में ही रोक लिया. जिसके बाद वह अपने साथियों के साथ नेशनल हाईवे पर धरने पर बैठ गए. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम किसी भी सूरत में इन कानूनों को मानने वाले नहीं हैं.

रामपुर में किसानों का धरना
रामपुर में किसानों का धरना

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Published : Dec 11, 2020, 6:09 AM IST

रामपुरः कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली जा रहे किसानों को पुलिस ने रामपुर में ही रोक लिया. इसके बाद भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ वारसी कई किसानों के साथ नेशनल हाईवे पर धरने पर बैठ गए. मुहम्मद हनीफ वारसी ने कहा कि सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा. हम किसी भी सूरत में इन कानूनों को मानने वाले नहीं हैं.

रामपुर में किसानों का धरना.

इस वक्त रामपुर में 15 डिग्री सेल्सियस का तापमान है और इस 15 डिग्री सेल्सियस के तापमान में घने कोहरे में ठंडी सड़क पर किसान खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं, लेकिन वह कृषि कानूनों को मानने को तैयार नहीं हैं. बरहाल दिल्ली में किसानों से बातचीत का सिलसिला चल रहा है, लेकिन अभी कुछ बात बन नहीं पाई है. वहीं धरने पर बैठे एक किसान जस्सा सिंह ने कहा हम तो खेतों में पानी लगाते हैं. मेड़ के ऊपर बैठते हैं. हमारा तो काम ही यही है. हमारे परिवार की महिलाएं खेती किसानी कर रही हैं. अपनी बात करते-करते जस्सा सिंह रो पड़े और कहा कैसी सरकार है. बच्चे घरों में रो रहे हैं और इसे बिल्कुल भी शर्म नहीं आ रही है.

उद्योगपतियों के हाथों बेच दिया देश

धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ वारसी ने कहा जब तक यह कानून वापस नहीं हो जाता और मोदी किसानों से माफी नहीं मांग लेते उनकी पूरी कैबिनेट किसानों से माफी नहीं मांग लेती. तब तक यह धरना चलता रहेगा. हनीफ वारसी ने कहा केंद्र सरकार हमें क्या समझ रही है. जब हम बंजर जमीन को उपजाऊ बना सकते हैं तो हम इनके दिमाग भी सही कर सकते हैं. उन्होंने कहा हमें कोहरे से डर नहीं लगता, हमें हमारी आने वाली नस्लों को बचाना है. उद्योगपतियों के हाथ में पीएम ने देश को बेच दिया है. इन्होंने एक वायदा भी किया था कि न देश को झुकने दूंगा न देश को बिकने दूंगा लेकिन इन्होंने देश बेच दिया.

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