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रामपुर कोर्ट में सांसद आजम खां से जुड़े मुकदमे में वादी ने दर्ज कराए बयान - भाजपा नेता आकाश सक्सेना

रामपुर की विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में मंगलवार को सांसद आजम खां से जुड़े मुकदमे में सुनवाई हुई. भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने मंगलवार को विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में बयान दर्ज कराए.

plaintiff statement recorded in case related to mp azam khan in rampur court
plaintiff statement recorded in case related to mp azam khan in rampur court

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Published : Aug 31, 2021, 10:47 PM IST

रामपुर: सपा सांसद आजम खां इन दिनों न्यायिक हिरासत में लखनऊ के मेदांता अस्पताल में उपचार करा रहे हैं. रामपुर से सपा सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में मुकदमे के वादी भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने मंगलवार को स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में बयान दर्ज कराए.

जानकारी देते सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना

उन्होंने कहा कि आजम खां, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा ने साजिश के तहत अपने बेटे अब्दुल्ला आजम को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाए थे. विधायक का चुनाव लड़ाने के लिए ज्यादा उम्र का प्रमाण पत्र बनवा दिया, जबकि उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों में उम्र कम है. इस आधार पर हाईकोर्ट अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर चुका है.


उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद आजम खां पर सरकारी और किसानों की जमीनें कब्जाने से संबंधित 100 से अधिक मामले दर्ज हुए. इन मुकदमों में से एक मामला उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के जरिए एमएलए बनने से जुड़ा है. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तय समय सीमा के भीतर वादी आकाश सक्सेना उर्फ हनी को बयान दर्ज कराने थे.

इसी को लेकर वादी आकाश सक्सेना मंगलवार को कोर्ट में हाजिर हुए, जहां पर आजम खां के वकील के साथ ही सरकारी वकील भी मौजूद थे. यहां पर कई घंटों की बहस के बाद बयान दर्ज कराए गए. इस मुकदमे में आजम खां, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटा अब्दुल्ला आजम आरोपी है. सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना ने कहा कि आरोप है कि उन्होंने अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र अलग-अलग स्थान, रामपुर और लखनऊ से बनवाए थे. इनमें अलग-अलग जन्म तिथियां अंकित हैं और जो जन्म प्रमाण पत्र लखनऊ से बनवाया गया वह कूटरचित दस्तावेज है.

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उसका प्रयोग निर्वाचन में भी किया गया और विधान सभा चुनाव 2017 का चुनाव लड़ा. सदस्यता ग्रहण की और वेतन पाया, जिसके लिए वो योग्य नहीं थे. हाईकोर्ट ने यह तय किया था कि यह गलत तरीके से चुनाव लड़ा गया था. उनकी उम्र 25 वर्ष नहीं थी. इस मामले में वादी आकाश सक्सेना के बयान दर्ज कराए गए. बुधवार को दोबारा कोर्ट में सुबह 11 बजे बयान पर बहस होनी है.

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