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संविदा कर्मी की मौत पर भड़के लोग, किसान नेता हनीफ समेत लोगों ने किया बिजली घर का घेराव

बिजली घर में तैनात संविदा कर्मी की मौत पर लोगों ने किया घेराव धरने पर बैठे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल सलाम, किसान नेता हनीफ वारसी और शेरा लोगों ने बिजली विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर लगाया लापरवाही का आरोप

प्रदर्शन करते लोग
प्रदर्शन करते लोग

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Published : Nov 15, 2021, 8:01 PM IST

रामपुरःउत्तर प्रदेश रामपुर के बिजली घर में तैनात संविदा कर्मी की मौत पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल सलाम किसान नेता हनीफ़ वारसी और शेरा व सभी लोगों ने मिलकर मृतक संविदा कर्मी सईद अहमद के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की. उनके साथ में कई दर्जन लोग शामिल थे जिन्होंने थाना भोट बिजली घर का घेराव किया व दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए और जेई और एसएसओ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

संविदा कर्मी की मौत पर लोगों ने काटा हंगामा
बता दें कि संविदा कर्मी की मौत पर थाना भोट के बिजली घर में तैनात संविदा कर्मी की मौत पर बवाल मच गया. मृतक के परिजनों ने भोट बिजली घर का किया घेराव। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल सलाम किसान नेता हनीफ़ वारसी और शेरा सभी लोगों ने मिलकर मृतक संविदा कर्मी सईद अहमद के परिवार के लिए मुआवजे की मांग जिसकी सूचना मिलते ही अधीक्षण अभियंता धरना स्थल पहुंचे और उन्होंने मृतक के परिजनों से बात की।

प्रदर्शन करते लोग
संविदा कर्मी की मौत पर भड़के लोग
इस तरह से हुआ बड़ा हादसाजनपद रामपुर के भोट बिजली घर में तैनात सईद अहमद जो महेशपुरा गांव का निवासी और वह भोट बिजली घर में संविदा कर्मचारी है. 11 नवंबर को एक पोल पर लाइन काटने गया था उसने शटडाउन लिया और लेकर खंबे पर चढ़ गया है शटडाउन हुआ नहीं इस कारण से उसको 11000 की लाइन का झटका लगा जिससे वे नीचे ज़मीन पर गिर गया और गंभीर अवस्था में घायल हो गया. इसका उपचार मुरादाबाद के एक अस्पताल में चल रहा था जहाँ बीती रात उसकी मौत हो गई। जिस पर पर परिजनों ने थाना भोट बिजली पर हंगामा किया और मृतक के परिवार को मुआवजे की मांग की.
आक्रोश में लोग
लोगों में दिखा आक्रोशअब्दुल सलाम पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया सईद अहमद यह संविदा कर्मचारी थे और सद्भाव कंपनी की यह लाइन काटने के लिए उनको भेजा गया था. इसने शटडाउन लिया और खंबे पर चढ़ गया लेकिन शटडाउन हुआ नहीं था और यह हादसा हो गया. इस मामले में बिजली विभाग के कर्मचारियों की और अधिकारियों की लापरवाही है.

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