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अभिनेत्री जयाप्रदा के खिलाफ 7वीं बार गैर जमानती वारंट जारी, इससे पहले एसपी को पेश करने को कहा था - warrant against jayaprada

रामपुर में पूर्व सांसद जयाप्रदा (Former MP Jayaprada) के खिलाफ 7वीं बार गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. अब जयाप्रदा को 25 जनवरी को कोर्ट में पेश होना है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 10, 2024, 10:40 PM IST

वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने दी पूर्व सांसद जयाप्रदा के मामले में जानकारी

रामपुर:रामपुर की पूर्व सांसद जयाप्रदा को कोर्ट से राहत नहीं मिली. एमपी एमएलए कोर्ट से 7वीं बार गैर जमानती वारंट जारी हुआ. जयाप्रदा के हाजिरी माफी के प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने खारिज कर गैर जमानती वारंट जारी किया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी. जयाप्रदा लगातार कोर्ट से गैर हाजिर हैं. उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए कोर्ट के आदेश हो रहे हैं. पुलिस अधीक्षक को भी कोर्ट द्वारा पत्र लिखकर उनको कोर्ट में पेश करने के लिए कहा था.

बरहाल, जयाप्रदा आज भी कोर्ट में पेश नहीं हुईं. जयाप्रदा के सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता असगर अली ने हाजिरी माफी का एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. साथ ही 25 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा. गैर जमानती वारंट तामील कराने वाली निरीक्षक रजनी द्विवेदी ने बताया कि जयाप्रदा के बताए हुए पते पर दबिश देने गईं. लेकिन, जयाप्रदा वहां मौजूद नहीं थीं.

2019 के आम लोकसभा चुनाव में जयाप्रदा ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था. इसमें आचार संहिता उल्लंघन के मामले दर्ज हुए थे. इसी मामले की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है. इसको लेकर आज 7वीं बार जयाप्रदा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ. इस मामले में वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि जयाप्रदा की दो पत्रावली 37/19 व 59/19 थाना कैमरी और थाना स्वार जो चुनाव आचार संहिता से संबंधित मामला है, पिछली तारीख को न्यायालय द्वारा एनबीडब्ल्यू जारी किया गया था. एनबीडब्ल्यू तामील करने वाली निरीक्षक रजनी द्रिवेदी द्वारा तामील रिपोर्ट न्यायालय में पेश की गई.

उन्होंने बताया कि वह दबिश देने गई थीं. दबिश में बताए गए पते पर जयाप्रदा उपलब्ध नहीं हो पाईं, जिसकी वजह से गिरफ्तारी नहीं हो पाई. जयाप्रदा के अधिवक्ता असगर अली आज उपस्थित हुए थे. उनके द्वारा स्थगन प्रार्थना पत्र हाजिरी माफी सहित प्रस्तुत किया गया था. इसका विरोध किया गया. क्योंकि, पहले ही एनबीडब्ल्यू का प्रार्थना पत्र खारिज हो चुका है. डिवीजन खारिज हो चुका है तो यह प्रार्थना पत्र मान्य नहीं है. दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायालय ने उनके प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया और पुनः एनबीडब्ल्यू जारी किया गया.

जयाप्रदा और उनके जमानतदारों का पत्र जब्त करने की कार्रवाई करने के लिए धारा 446 सीआरपीएस को दर्ज किया गया और अब पत्रावली 25 जनवरी के लिए नियत की गई है. जयाप्रदा के खिलाफ अब तक 5वीं बार एक मामले में एनबीडब्ल्यू जारी हो चुका है और दूसरे वाले मामले में छठी बार एनबीडब्ल्यू जारी हो चुका है. यह पूछे जाने पर कि जो आपने वन पत्र के बारे में बताया, वह क्या चीज है. इस पर अभियोजन अधिकारी ने बताया कि जमानतदारों द्वारा जमानत लेते समय वन पत्र निष्पारित किया जाता है. वह जो वन पत्र देते हैं, वह अगर नहीं आएंगे तो जब्त हो. उसी की कार्यवाही के लिए 446 सीआरपीसी की कार्रवाई होती है.

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