रामपुर :जनपद में नवाबों के नाम से ज्यादातर इंटर और डिग्री कॉलेज बने हैं. इनमें से अधिकतर को नवाब साहब ने ही बनवाया था. यहां पर नवाबों ने 175 साल हुकूमत की. बात करें तालीम की तो नवाब खानदान में जब भी कोई बच्चा पैदा होता था, चाहे वह लड़का हो या लड़की तो उसके नाम से एक स्कूल खोल दिया जाता था. उस स्कूल की इमारत को नवाब साहब बहुत ही खूबसूरत तरीके से बनवाते थे.
वहीं नवाब खानदान में बेटा बेटी होने पर भी एक अजीब परंपरा थी. लड़का और लड़की के पैदा होने पर तोप के गोले दागकर सलामी दी जाती थी. इससे लोगों को पता चलता था कि नवाब साहब के यहां बच्चा पैदा हुआ है.
आजादी के दो साल बात तक नवाबों ने किया रामपुर पर राज 1774 में रखी गई थी नवाबों के सल्तनत की नीव
रामपुर के नवाबों का इतिहास जनपद रामपुर शहर की नींव रखने के साथ शुरू हुआ जिसे नवाब फ़ैज़उल्लाह खान ने रखा था. बताया जाता है कि उनका जन्म 1733 में आंवला में हुआ था. 1774 से लेकर 1794 तक नबाब फ़ैज़उल्लाह खान ने इस इलाके पर शासन किया. रामपुर के नवाब अपने शाही अंदाज के लिए जाने जाते थे. रामपुर में 1774 से 1949 तक नवाबों का राज रहा. नवाब फैजुल्ला खां पहले और रजा अली खां आखिरी नवाब थे.
आजादी के दो साल बात तक नवाबों ने किया रामपुर पर राज आजादी के दो साल बाद तक रामपुर में रहा नवाबों का शासन
आजादी से पहले रामपुर में नवाबों का राज था. उनकी अपनी फौज थी. अपना रेलवे स्टेशन, अपना बिजलीघर, अपनी अदालतें, यानी सब कुछ अपना था. देश 1947 में आजाद हो गया लेकिन रामपुर के नवाब दो साल बाद तक राज करते रहे. रामपुर की रियासत पहली रियासत थी जिसका भारत गणराज्य में सबसे पहले विलय हुआ था.
आजादी के दो साल बात तक नवाबों ने किया रामपुर पर राज यह भी पढ़ें :Up Assembly Election 2022 : 4 जनवरी तक 21 जनसभाएं और चार रोड शो करेंगे अमित शाह
नवाब फैजुल्ला खां पहले और रजा अली खां आखिरी नवाब थे. फैजुल्ला खान 1774 में रामपुर नवाब बने. इनके बाद मुहम्मद अली खान, गुलाम मुहम्मद खान, अहमद अली खान, मुहम्मद सैद खान, यूसुफ अली खान, कल्ब अली खान, मुहम्मद मुस्ताक अली खान, हामिद अली खान और रजा अली खान नवाब रहे.
आजादी के दो साल बात तक नवाबों ने किया रामपुर पर राज रामपुर के नवाब की देशभर के राजघरानों में भी बड़ी अहमियत थी. वह जब बाहर जाते तो उन्हें दूसरे राज्यों में 15 तोपों की सलामी दी जाती थी. नवाब खानदान में जब बच्चे पैदा होते तब भी तोप के गोले दागे जाते थे. बेटा पैदा होने पर 21 और बेटी पैदा होने पर 11 गोले दागे जाते थे. इसी से जनता को पता लगता था कि नवाब खानदान में बेटा हुआ है या बेटी.
आजादी के दो साल बात तक नवाबों ने किया रामपुर पर राज नवाबों ने खुलवाए थे कई स्कूल
रामपुर के आखिरी नवाब रजा अली खान के पोते नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां जो पूर्व मंत्री हैं, से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने कहा कि रामपुर के नवाबों ने हमेशा तालीम पर जोर दिया.
कहा, 'हमारे दादा के यहां जब भी कोई औलाद होती थी तो उसके नाम से इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज या कोई स्कूल खोल दिया जाता था. जैसे मुर्तुजा स्कूल, हामिद इंटर कॉलेज, रजा डिग्री कॉलेज, खुर्शीद इंटर कॉलेज आदि. ये सारे स्कूल हमारे दादा ने अपने बच्चों के नाम पर खोले थे'.
आजादी के दो साल बात तक नवाबों ने किया रामपुर पर राज वे बताते हैं कि सबसे खास और अहम बात यह थी कि जो भी बच्चे वहां पढ़ते थे, उनसे एक पैसे की फीस नहीं ली जाती थी. स्कूल कॉलेज सब में तालीम मुफ्त दी जाती थी.
वह बताते हैं कि जिस मौलाना मोहम्मद अली जौहर का आजम खान राग अलापता रहते हैं, उन मौलाना मोहम्मद अली जोहर को नवाब साहब ने अपने पर्सनल खर्च पर इंग्लैंड तालीम के लिए भेजा था. उन्होंने स्टेट का पैसा भी उसमें यूज नहीं किया था. रामपुर के नवाबों का जोर हमेशा तालीम पर ही था.