रामपुर: कृषि कानून को लेकर किसान पिछले 1 महीने से दिल्ली में खुले आसमान की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर है. सरकार का और किसानों से बातचीत का सिलसिला जारी है, लेकिन किसान अपनी बात पर अड़े हुए हैं. सरकार इस कानून में किसी भी तरह का संशोधन नहीं करना चाहती हैं, किसानों का कहना है कि सरकार को इस बिल को वापस लेना पड़ेगा. किसान किसी भी कीमत पर इस बिल को स्वीकार नहीं करेगा. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आज शुक्रवार को रामपुर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ किसान बैठा हुआ है सरकार को कानून वापस लेना पड़ेगा और एमएसपी पर कानून बनाना पड़ेगा.
सरकार को कृषि कानून लेना पड़ेगा वापस: राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शुक्रवार को रामपुर पहुंचे थे. इनस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ किसान बैठा हुआ है सरकार को कानून वापस लेना पड़ेगा और एमएसपी पर कानून बनाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि किसान 70 साल से घाटे की खेती कर रहा है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आज रामपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ किसान बैठा हुआ है. सरकार को कानून वापस लेना पड़ेगा और एमएसपी पर कानून बनाना पड़ेगा. इसी से ही किसानों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में धान की खरीद आधे रेट में हुई है. किसानों को एक हजार रुपये प्रति एक कुंतल पर नुकसान हुआ है. वहीं आंदोलन में गए किसानों का हो रहा नुकसान को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी भरपाई तो सरकार करेगी.
किसानों की एक नजर खेतों पर और एक नजर आंदोलन पर
उन्होंने कहा कि किसान 70 साल से घाटे की खेती कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम लोगों की एक नजर खेतों पर और एक नजर आंदोलन पर है. जहां पर भाव तय होता है हम वहां पर हैं. वहीं उन्होंने कोरोना को लेकर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जहां पर सरकारी काम होते हैं. वहां पर कोरोना नहीं होता है. वहां से कोरोना छुट्टी लेकर चला जाता है.