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राज्यमंत्री बलवंत सिंह बोले, इत्तेफाकन हादसा है लखीमपुर खीरी की घटना - लखीमपुर खीरी की खबर

लखीमपुर खीरी में हुई घटना ( lakhimpur kheri incident) को लेकर जल संचय राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने अफसोस जताया है. उनका कहना है कि यह इत्तेफाकन हादसा है. उन्होंने कहा कि मृतकों के परिवारों को सरकार की ओर से 45 लाख रुपए का मुआवजा और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की गई है. हालांकि वह यह नहीं बता पाए कि आरोपी मंत्री के बेटे के खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

राज्यमंत्री बलवंत सिंह.
राज्यमंत्री बलवंत सिंह.

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Published : Oct 6, 2021, 4:12 PM IST

रामपुरः लखीमपुर खीरी में हुई घटना को जल संचय राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने दुखदाई बताया है. उन्होंने कहा कि इत्तेफाकन एक बहुत बड़ा हादसा हो गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार की ओर से कदम उठाए गए. मृतकों के परिवारों को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा कल उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है. साथ ही इन परिवारों के एक व्य़क्ति को जल्द ही सरकारी नौकरी भी मिल जाएगी. घायलों के परिवारों को सरकार ने 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है.

उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. राज्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर के एक बीडीसी सदस्य गुरजीत सिंह कोटिया के पैर में चोट आई है. वह वहां पर थे. इसके अलावा बिलासपुर का कोई और शख्स नहीं था.

जल संचय राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख.

राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कहा कि वह समाजवादी पार्टी के हैं. उन्होंने कहा कि इस वक्त माहौल को शांत करना चाहिए. जिनके बच्चे शहीद हुए हैं या बुजुर्ग शहीद हुए हैं उनको संवेदना देनी चाहिए न कि गलत बयान देना चाहिए. दोबारा ऐसी कोई घटना नहीं होना चाहिए कि किसी के परिवार का कोई शख्स जाए. यह बहुत ही दुखद घटना है. जांच के बाद निष्पक्ष कार्रवाई होगी.

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उन्होंने कहा कि सीएम योगी नेता भी हैं और संत भी. देखिए, जैसे ही यह घटना हुई मुख्यमंत्री गोरखपुर का दौरा छोड़कर सीधे लखनऊ आए. पूरी रात वह इस मामले को लेकर निगरानी करते रहे. उनकी कोशिश थी कि किस तरह से घायलों का उपचार हो, किस तरह से उनकी मदद हो. अफसरों के साथ पूरी रात उन्होंने बैठक की. उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा और पंजाब में ऐसी घटनाएं हुईं लेकिन कभी किसी ने इतना बड़ा फैसला तुरंत नहीं लिया. यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं जिन्होंने तुरंत 45-45 लाख रुपये मृतकों के खाते में सीधे भेजे. साथ ही परिवार के एक आदमी को नौकरी देने का भी काम किया. मामले की उच्चस्तरीय अधिकारी जांच कर रहे हैं.

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