रामपुर:किसानों की जमीन जबरन कब्जा करने, घरों को तुड़वाने, मकान और दुकान जबरन खाली कराने, लूटपाट करने भैंस चोरी, गाय चोरी और बकरी चोरी जैसे 86 मुकदमे झेल रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के खिलाफ रामपुर में उनके विरोधियों ने मोर्चा खोल दिया है. अब खुले मंच से आवाजें बुलंद होकर उनके सताए हुए लोग उनको कोस रहे हैं.
समाजवादी पार्टी की सरकार में आजम खान उत्तर प्रदेश के एक ताकतवर मंत्री थे और सरकार के दौर में अपनी विवादित कार्यशैली के चलते हमेशा सुर्खियों में रहे. उनकी विवादित कार्यशैली के चलते अब रामपुर नगर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के मौके पर उनके विरोधी उनके खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं.
रामपुर नगर विधानसभा क्षेत्र से 9 बार विधायक रहे आजम खां के पिछले आम चुनाव में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद विधायक पद से त्यागपत्र देने से खाली हुई रामपुर नगर विधानसभा की सीट पर उपचुनाव का बिगुल बज चुका है. आजम खां पर दर्ज मुकदमों के चलते आजम खां रामपुर नहीं आए हैं, लेकिन उनके विरोधियों ने आजम खां के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मोहल्ला घोसियान में एक विशाल जनसभा की.
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जनसभा में आजम खां की सरकार के दौर में सताए गए लोग इकट्ठा हुए और मंच पर अपनी-अपनी पीड़ा सबको रो-रोकर सुनाई. आजम खां के सताए हुए पीड़ित लोगों ने अपना हाल-ए-बयां किया. इस जनसभा का आयोजन किसी भी दल के समर्थन में नहीं, बल्कि आजम खां के विरोध में किया था.
पूर्व कांग्रेसी नेता फैसल खां लाला ने जिन्हें अखिलेश यादव का विरोध करने के चलते कांग्रेस पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था. पार्टी से निकाले जाने के बावजूद भी वह आजम खां के विरोध में डटे हुए हैं. फैसल खान लाला ने मोहल्ला घोसियान में एक जनसभा की और जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐलान किया. उन्होंने कहा 1 महीने के अंदर अगर मोहल्ला घोसियान के लोगों को मैंने उन्हीं की जगह पर नहीं बसाया तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. उनकी इस बयान से वहां के लोगों में काफी खुशी है. फैसल लाला ने कहा जो लोग यतीमखाना बस्ती में पिछले 50 साल से रह रहे थे. मैं 1 महीने के अंदर उनको उन्हीं की जगह पर बसाऊंगा नहीं तो में राजनीति छोड़ दूंगा.
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इस सभा में आजम खां के सताए हुए कई लोग कहे तो काफी तादाद में लोग पहुंचे थे. इसमें डूंगरपुर बस्ती के भी कई लोग पहुंचे, जिनके मकान आजम खां ने पुलिस के बल पूर्वक तुड़वाये थे. उन्होंने भी अपनी पीड़ा बताई. किस तरीके से उन्होंने कर्ज उधार कर अपना आशियाना बनाया था और आजम खान ने एक पल में उस आशियाने को उजाड़ दिया.
आजम खां के पड़ोस में रहने वाले आरिफ रजा खान ने भी अपना दर्द खुले मंच से बताया, उन्होंने कहा मेरी एक प्रिंटिंग प्रेस थी, उसको आजम खां ने पुलिस के दम पर उखड़वा लिया और उसके बाद आजम खां मेरा मकान खरीदने के चक्कर में थे. जब मैंने मकान नहीं बेचा तो मुझ पर भी उन्होंने दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन मैंने अपना मकान नहीं भेजा.