रामपुरः मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की भूमि सरकार द्वारा जब्त किए जाने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. एडीएम प्रशासन रामपुर के न्यायालय में हाईकोर्ट की दुहाई देते हुए जौहर यूनिवर्सिटी के अधिवक्ता ने कार्रवाई स्थगित करने की मांग की. इस पर एडीएम द्वारा सुनवाई के लिए अगली तारीख 23 नवंबर दे दी गई है. बता दें कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान द्वारा रामपुर में स्थापित मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी यूं तो 400 एकड़ से अधिक भूमि में फैली हुई है. जबकि भू राजस्व अधिनियम के अंतर्गत 12.5 एकड़ से अधिक भूमि सरकारी जमीन अधिगृहीत की गई है. ऐसे में जौहर ट्रस्ट द्वारा उत्तर प्रदेश शासन से विशेष अनुमति प्राप्त की गई थी जोकि चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर शासन द्वारा प्रदान की गई.
23 नवंबर को होगी सुनवाई
रामपुर जिला प्रशासन ने अपनी जांच में जौहर यूनिवर्सिटी में धर्मार्थ कार्य अर्थात चैरिटी का कार्य होता हुआ नहीं पाया गया. इस रिपोर्ट को आधार मानते हुए एडीएम प्रशासन रामपुर के न्यायालय में चला गया. इसके बाद जौहर यूनिवर्सिटी की 12:30 एकड़ से अधिक भूमि को जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में 9 नवंबर को एक आदेश पारित किया गया था जिसके विरोध जौहर यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट की शरण ली. इसकी सूचना देते हुए जौहर यूनिवर्सिटी के अधिवक्ता ने एडीएम न्यायालय में कार्रवाई 1 माह तक स्थगित करने की मांग की थी. जबकि उनके इस प्रार्थना पत्र पर 5 दिन का समय देते हुए अगली तारीख 23 नवंबर तय की गई है.