रामपुर: सपा सांसद आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर ट्रस्ट पर प्रशासन ने पूरी तरह से शिकंजा कस दिया है. आजम खान के करीबियों को अभी कुछ दिन पहले ही नोटिस भेजे गए थे, जो इस ट्रस्ट से जुड़े लोग हैं. इन सभी सदस्यों को दर्ज मुकदमों में आरोपी ठहराते हुए नोटिस जारी किया गया था. शुक्रवार को आजम खान के 13 करीबियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है.
महत्वपूर्ण बातें-
- जौहर ट्रस्ट जमीन विवाद में ट्रस्ट के सभी सदस्यों को पुलिस ने भेजा नोटिस.
- ट्रस्ट के पदाधिकारी और सदस्यों के नाम केस में आने से आजम खान की बढ़ीं मुश्किलें.
मामला आजम खान के जौहर विश्वविद्यालय से जुड़ा है. सपा सरकार में जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था. हालांकि उसमें बताया गया था कि किसानों से जमीन खरीदी गई, लेकिन पिछले साल जुलाई में 26 किसानों ने मुकदमे दर्ज कराए. रिपोर्ट में लिखा था कि सपा शासनकाल में उनकी जमीन जबरन यूनिवर्सिटी में मिला ली गई. इस मामले पर प्रशासन ने भी दो मुकदमे कायम कराए थे. जिसके बाद आजम खान को भूमाफिया घोषित कर दिया गया.
जौहर ट्रस्ट मामले में चार्जशीट दाखिल. इस यूनिवर्सिटी को मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट संचालित करता है. लिहाजा ट्रस्ट के नाम ही सारी जमीन है और आजम खान ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. आजम खान की पत्नी, दोनों बेटे अब्दुल्लाह आजम खान, अदीब आजम खान भी ट्रस्ट के सदस्य हैं. आजम खान की बहन कोषाध्यक्ष हैं. जमीन से जुड़े मुकदमों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. जांच में पाया गया कि ये जमीन ट्रस्ट के नाम है, इसीलिए सभी पदाधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं.
पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि रामपुर पुलिस ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में जो किसानों की जमीनें ली गई थी, उससे संबंधित मुकदमों में 27 मुकदमों में आरोप पत्र पेश किया है. यह आरोप पत्र जौहर विश्वविद्यालय के जो ट्रस्टी लोग हैं, उन 9 लोगों के खिलाफ माननीय न्यायालय में पेश किया है.
इनमें मुख्य रूप से तंजीम फातिमा, नसीर अहमद, दोनों लोग विधानसभा के सदस्य हैं. अब्दुल्लाह आजम खान, उनके भाई अदीब आजम खान और कुछ अन्य लोग हैं. इस तरह से कुल 9 लोगों के खिलाफ 27 मुकदमों में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया है. एक मुकदमा जिसमें कोतवाली पुलिस ने भी आरोप पत्र दाखिल किया है. चार लोगों के खिलाफ, उसमें उन्होंने नगर पालिका से कुछ दस्तावेजों में हेराफेरी करके प्रमाण पत्र कहीं प्रस्तुत किया था, उस आधार पर यह कायम था. उसमें भी साक्ष्य के आधार पर 4 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. इस तरह से आज 28 मामलों में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है.