रामपुरःआजम खान पर एक के बाद एक लगभग 88 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. आजम के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर प्रशासन द्वारा सीलिंग की कार्रवाई की गई है, जिसकी सुनवाई एडीएम वित्त एवं राजस्व जिला न्यायालय में होगी.
जौहर यूनिवर्सिटी पर सीलिंग की कार्रवाई. जानें पूरा मामला
दरअसल, जमीदारी उन्मूलन अधिनियम के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को अधिकतम साढ़े 12 एकड़ जमीन रखने की अनुमति है. जबकि इससे अधिक भूमि रखने के लिए धारा 154 के अंतर्गत प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी होती है. जौहर यूनिवर्सिटी के नाम 69 हेक्टेयर भूमि है, जिसकी अनुमति चैरिटेबल कार्य हेतु ली गई थी. वहीं एसडीएम सदर द्वारा रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां पर चैरिटेबल कार्य होता नहीं पाया गया. उपरोक्त अनुमति की शर्तों के विपरीत कार्य करने के चलते तय सीमा 12.5 एकड़ से अधिक 158 एकड़ भूमि को राज्य सरकार में दर्ज कर दिया जाए.
क्या बोले अपर जिलाधिकारी
इस रिपोर्ट पर जिलाधिकारी रामपुर ने नोटिस जारी करते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के न्यायालय में कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए हैं. इस संबंध में अपर जिलाधिकारी जेपी गुप्ता ने बताया कि जौहर ट्रस्ट के नाम से जो जमीनें खरीदी गई हैं, उस जमीन का 5 हेक्टेयर छोड़कर 64 हेक्टेयर जमीन पर चैरिटेबल रूप में कार्य करने के कारण यह अनुज्ञा प्राप्त हुई थी. चेरेटेबल कार्य नहीं किया जा रहा है. इसके आधार पर तहसील सदर के उप जिला अधिकारी की रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिस पर कलेक्टर साहब ने इसको सुनने के लिए न्यायालय के रूप में एडीएम वित्त राजस्व को प्रेषित किया है.
केवल वह जमीन अगर राज्य सरकार की घोषित होती है, तो राज्य सरकार के रूप में दर्ज रहती है. अगर यह पाया जाता है कि साक्ष्य के रूप में के नोटिस गलत जारी हुए हैं, तो नोटिस वापस हो जाएंगे. मामले में अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व ज्यूडिशल प्रोसेस के तहत इसकी सुनवाई करेंगे.
- जगदंबा प्रसाद गुप्ता, एडीएम