रामपुरः समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को लेकर एमपी एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने भड़काऊ भाषण मामले में आजम खान को तीन साल की सज़ा और तीनो धाराओं में 2-2 दो हजार का जुर्माना लगाया है. कोर्ट का फैसला आने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में ही वादी पक्ष भाजपा नेता आकाश सक्सेना के समर्थकों ने फूल मालाओं से स्वागत किया और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी. इस दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर चौराहे पर आतिशबाजी भी की गई.
बता दें कि मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है. तब आजम खान पर रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां करने के आरोप लगे थे. जिसकी शिकायत रामपुर के मिलक थाने में की गई थी. जिसके बाद आजम खान के खिलाफ इस मामले में मुकदमा दर्ज की गई थी. इसके बाद रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. जिसको पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया.
फैसले के बाद भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने बांटी मिठाई. फैसला आने के बाद वादी पक्ष भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने कहा कि 2019 में भड़काऊ भाषण का और आचार संहिता का मामला दर्ज हुआ था. यह फैसला देश में नजीर बनने जा रहा है. क्योंकि आने वाले समय में कोई भी नेता अपने भाषण में बोलने से पहले सौ बार सोचेगा. आजम अपनी स्पीचों में जिस हद तक गिरे थे आप स्पीच देखेंगे तो खुद पता चल जाएगा. वहीं, आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने कहा अदालत का भी जजमेंट आया है और अदालत की किसी भी जजमेंट पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है. हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है. ज्यादातर मामलों में सर्वोच्च न्यायालय और बाकी न्यायालय ने हमें इंसाफ दिया है. लड़ाई लंबी है.
वहीं, शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने कहा आज जो यह फैसला आया है. इसमें कोर्ट ने आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई है और 2-2 हजार जुर्माना लगाया है. कुल मिलाकर 6 हजार जुर्माना लगाया है. मामला में तत्कालीन कलेक्टर आंजनेय कुमार सिंह जो इस वक्त मुरादाबाद के कमिश्नर हैं. उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया था. इसके साथ ही हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो एक संवैधानिक पद पर हैं. उन पर भी अपमानजनक टिप्पणी की गई थी. इसमें आजम खान दोषी करार दिए गए. प्रावधान यह है कि जो भी व्यक्ति जो विधायक है अगर उसे 2 साल से ज्यादा की सजा होती है तो उसकी विधायकी जाएगी. इसके अलावा उसे डिबार भी किया जा सकता है और उनके चुनाव लड़ने पर रोक भी लगाई जा सकती है.
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