रामपुरः सपा नेता आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने रविवार को तहसील बिलासपुर के खजूरिया में लोकसभा उपचुनाव के सपा प्रत्याशी आसिम राजा के समर्थन में कई नुक्कड़ सभाएं कीं. उन्होंने कहा कि भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है. सहारनपुर और मुरादाबाद की घटनाओं का भी जिक्र किया. सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप देख रहे हैं, नफरत का माहौल पैदा किया जा रहा है. कोई भी अच्छा मुस्लिम, हिंदू, सिख व ईसाई किसी के मजहब का अपमान नहीं कर सकता. जो लोग दूसरों के मजहब का मजाक उड़ा रहे हैं वे गुलदस्ते के दुश्मन हैं.
अब्दुल्ला आजम खान ने कहा कि जो जिम्मेदार यहां मौजूद हैं, उनका बहुत-बहुत शुक्रिया. बहुत तपिश है. मौसम की तपिश हो या सियासी तपिश हो, इस चुनाव के बाद ना तो किसी की सरकार बनेगी ना किसी की सरकार गिरेगी लेकिन यह बात जरूर तय होगी कि आपकी आवाज कितनी मजबूत है. क्या आपकी कोई ऐसी आवाज है जो इस देश की जनता की सबसे बड़ी अदालत में मौजूद है या नहीं है. एक ऐसी आवाज जो आपके हक के लिए लड़े, अगर आपके साथ नाइंसाफी हो तो उसके लिए लड़े और मुझे यह कहते हुए कोई हिचक नहीं है कि आसिम राजा साहब इंशाल्लाह एक ऐसी मजबूत आवाज बनकर उभरेंगे.
रामपुर में नुक्कड़ सभा में ये बोले अब्दुल्ला आजम खान. अब्दुल्लाह आजम ने कहा बहुत कुछ सोचना होगा इस चुनाव में, जो हालात मुल्क के हैं, आपके सूबे के हैं जिस तरह का नफरत का माहौल दहशत का माहौल बनाया जा रहा है आप उसके कितने खिलाफ हैं. यह चुनाव यह भी तय करेगा कि जिस तरीके से भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है, जिस तरीके से पुलिस की ज्यादती मुरादाबाद, सहारनपुर और इलाहाबाद में सामने आई है वह इंसानियत के चेहरे पर एक ऐसा बदनुमा दाग है जिसकी तस्वीरें रहती दुनिया तक रहेंगी और लोग बताया करेंगे सिर्फ लोगों को उनका नाम और हुलिया देखकर जानवरों से बदतर तरीके से मारा जाने लगा. अब्दुल्लाह आजम ने कहा कि हमारा मुल्क एक गुलदस्ता है, इस गुलदस्ते में तमाम फूल हैं. तमाम मजहब को मानने वाले तमाम आस्थाओं को मानने वाले और मैं जिम्मेदारी से कहूंगा इस देश में रहने वाला कोई भी धार्मिक व्यक्ति कोई अच्छा मुसलमान, कोई अच्छा हिंदू, कोई अच्छा सिख, कोई अच्छा ईसाई कभी किसी दूसरे मजहब का अपमान नहीं कर सकता. ऐसे लोग जो दूसरों के मजहब का अपमान करें वह गुलदस्ते के दुश्मन हैं, जो गुलदस्ता हमारी गुजरी हुई नस्ले हमें देकर गई हैं और ऐसे लोग जो मजहब के नाम पर आप को लड़ाना चाहते हैं, उनको हराना है, उस सोच को हराना है. इंशाल्लाह उम्मीद है कि जिस तरीके से आज तक आपने न मेरा, न मेरे वालिद का सिर झुकने दिया. मुझे उम्मीद है आगे भी कभी झुकने नहीं देंगे.
307 वोटों की कसक बिलासपुर से रह गई थी, अगर वे 307 वोट की जगह हमारी तरफ से 308 वोट पड़ गए होते तो अमरजीत भाई आपके विधायक होते. आपकी एक आवाज विधानसभा में होती . कुदरत ने हमें एक और मौका दिया है कि हम अपनी जरा सी कमी को पूरा करें.अब्दुल्ला आजम ने कहा मुझे याद है और राजा साहब को भी याद होगा जब मेरी और आज़म साहब की राजा साहब से बात हुई कि आप लोकसभा के उम्मीदवार हैं तो राजा साहब ने बड़े भोले अल्फाजों में कहा कि आज़म भाई आप मेरी हैसियत जानते हो. मेरे पास कुर्ते पैजामे और एक स्कूटी के अलावा कुछ नहीं है. अब्बा ने कहा कि 40 सालों से आप मेरे हो और मैं आपका हूं, आप हिम्मत करो. कहा कि 'मैं अकेला ही चला था जानिब ए मंजिल मगर, लोग साथ आते गए कारवां बनता गया...' मुझे उम्मीद है वह कारवां बनेगा आप सब साथ दोगे.