रायबरेली: कभी फिरोजाबाद की डीएम रह चुकीनेहा शर्मा ने रायबरेली जनपद की बागडोर अपने हाथ में लेते ही ज़िले में महिला व बाल कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सरकारी तंत्र को सफलता का मंत्र दिया है.इसके साथ ही जनपदवासियों को कई वर्षों बाद महिला आईएएस के रुप में मिली जिले की मुखिया नेबेटियों पर गर्व करने का मौकाभीदिया है .
महिला दिवस विशेष: इस महिला डीएम को 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान में उल्लेखनीय योगदान के लिए किया जा चुका है सम्मानित - रायबरेली समाचार
बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं है इसकी नजीर पेश करने वाली महिला आइएएस अधिकारी नेहा शर्मा पर आज पूरे समाज को नाज है. फिरोजाबाद की डीएम रह चुकी नेहा शर्मा ने अब रायबरेली जिले की कमान संभालते हुए वहां भी सरकारी योजनाओं के बेहतर संचालन का जिम्मा उठाया है.
रायबरेली की डीएम नेहा शर्मा ने ईटीवी संवाददाता से खास बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार के महिला व बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा 24 जनवरी 2019 को 'बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ' अभियान को जनपद फिरोजाबाद में बेहतरीन कार्यकुशलता के लिए उन्हें पुरस्कार से नवाजा गया था.डीएम के रुप में अपनी पहली ही पोस्टिंग में राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड से सम्मानित कीगईं नेहा शर्मा से जब रायबरेली ज़िले में भी उन योजनाओं को सही तरीक़े से लागू करने का सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि फिरोजाबाद चूंकि उनके लिए पहला जनपद था इसीलिए निश्चित तौर पर वहां से मिले अनुभवसे सीख लेते हुए खामियों को दूर कर और भी बेहतर तरीकेसे जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन का प्रयास किया जाएगा.
बीते दिनों रायबरेली के महिला जिला चिकित्सालय में बच्चा चोरी होने के मामले में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने मौके पर पहुंच कर पीड़ित पक्ष से मामलेकी जानकारी हासिल की, साथ ही नई तकनीकि का प्रयोगकर ऐसे मसलों का हल बड़े ही आसानी से निकाले जाने की बात कही, साथ ही परिवार को नसीहत देते हुए बताया कि अब बेटे और बेटी में कोई फ़र्क नही रह गया और मैं इसका प्रत्यक्षउदाहरण हूं.