उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

रायबरेली: लॉक-अनलॉक के फेर में उलझे किसान, कर्ज अदायगी के लिए मांग रहे अनुदान - रायबरेली के सब्जी किसान

यूपी के रायबरेली जिले में सब्जी किसान इन दिनों काफी परेशान हैं. सब्जियों की खपत न होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं लॉकडाउन के दौरान किसानों की ज्यादातर फसल खेत में ही सड़ जाने से किसानों की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई है.

स्पेशल रिपोर्ट.
स्पेशल रिपोर्ट.

By

Published : Aug 30, 2020, 12:18 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली:कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के कारण किसानों पर आफत की बारिश हुई है. दो महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद सरकार ने एक जून से अनलॉक-1 की घोषणा की थी. कयास लगाए जा रहे थे कि छूट के साथ ही धीरे-धीरे हालात सामान्य होंगे और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे किसानों को राहत मिलेगी, लेकिन जिले में सब्जियों की पैदावार से जुड़े किसानों को अनलॉक में भी राहत नसीब नहीं हुई है.

स्पेशल रिपोर्ट.

कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या पर सरकार ने सप्ताहांत लॉकडाउन लगाने का आदेश पारित किया, लेकिन सब्जी किसानों की समस्या जस की तस बनी हुई है. उन्हें अब भी सरकार से ठोस राहत की दरकार है.

अनलॉक में भी नहीं बदले किसानों के हालात
रायबरेली सदर तहसील के सलोन रोड निवासी कृषक रामशंकर कहते हैं कि कई पीढ़ियों से सब्जी किसानी का काम उनके घर में होता आया है, लेकिन ऐसा दौर न पहले कभी देखा और न ही कभी सुना था. लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर पैदावार नष्ट हो गई, अब अनलॉक में भी उम्मीदों के अनुरुप काम होता नहीं दिख रहा है.

उनका कहना है कि बड़े आयोजनों और कार्यक्रमों की मनाही का नतीजा यह रहा कि एक-दो नहीं, लगभग सभी उपज अपने औसत दामों से भी कम में बिकी और न बेचने के कारण बर्बाद भी हुई. शादी विवाह हुए ही नहीं और यदि हुए भी तो बहुत सीमित ही लोगों ने कार्यक्रम में शिरकत किया. होटलों और भोजनालयों में भी सब्जी की मांग में कमी रही. यही कारण रहा कि भारी नुकसान झेलना पड़ा. अभी तक के त्योहार भी फीके ही रहे.

सप्ताहांत लॉकडाउन से बढ़ी अव्यवस्था
जिले के रेती खुर्द गांव के किसान राम दयाल बीते 40 वर्षों से सब्जी उगाकर बाजार में बेचने का काम करते थे. यही उनकी आय का मुख्य स्रोत था, लेकिन इस बार कोरोना के कारण सब कुछ चौपट हो गया. लौकी, तरोई, भिंडी, टमाटर, मिर्ची जैसी तमाम किस्म की सब्जियों की खेती से ही उनका जीवन-यापन चलता रहा. इस बार लॉकडाउन के कारण सुबह तीन बजे उपज के साथ मंडी पहुंचने के नियमों से किसान त्रस्त हो गए.

अभी भी दो दिनों के सप्ताहांत लॉकडाउन का नतीजा यह है कि बड़ी मात्रा में उपज खेतों में ही बर्बाद हो रही है. प्रदेश में भले ही सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर रखी हो, लेकिन किसानों की फसल नष्ट हो रही है.

क्या कहती हैं महिला किसान

वहीं महिला किसान शीला कहती हैं कि इस साल हालात बहुत खराब हैं.अब तक सब्जी की खेती करके ही खर्चे चलते थे, लेकिन इस बार पहले लॉकडाउन लगा, फिर बाद में खुला भी तो सब्जी की खपत पहले जैसी नहीं है. बैंक से कर्जा पहले ही ले रखा है और अब रोजमर्रा के खर्चे भी इससे पूरे नहीं होते दिख रहे.

क्या कहती हैं उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रभारी

जिले की उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण विभाग की प्रभारी अधिकारी राजश्री का कहना है कि यह सही है कि सब्जी किसानों के लिए कोविड 19 का दौर बेहद कठिनाई भरा रहा है, लेकिन सरकार की मंशा के अनुरुप एफपीओ के जरिए अब रायबरेली जनपद के किसानों की उपज भी बेचने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही सरकार कई योजनाओं के माध्यम से किसानों की आर्थिक समस्याओं से निजात दिलाएगी. संकट के इस दौर में अन्नदाता को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी.

इसे भी पढ़ें-रायबरेली: युवक की पुलिस कस्टडी में हुई मौत, परिजनों ने पिटाई का लगाया आरोप

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details