रायबरेली: यूनिट नं-6 को एनटीपीसी के ऊंचाहार प्लांट का स्वर्णिम यूनिट कहा जाता था. सिंतबर 2017 से इस यूनिट में कमर्शियल प्रोडक्शन की शुरुआत हुई थी. विद्युत उत्पादन शुरू होने के बाद से सभी की निगाहें इसी पर टिकी थीं. अधिक से अधिक उत्पादन का सपना यहां से लेकर दिल्ली तक देखा जा रहा था, जो 1 नवंबर 2017 को धराशाही हो गया था. वहीं एक बार फिर अपने पुराने रसूख को वापस पाने की दिशा में यूनिट नं-6 बढ़ चला है.
अपने पुराने रसूख को वापस पाने की दिशा में यूनिट नं-6.
ईटीवी भारत ने एनटीपीसी के प्रभारी भोला नाथ से की बातचीत
एनटीपीसी ऊंचाहार प्लांट के प्रभारी और हाल में समूह महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण करने वाले भोलानाथ मिश्र ने बताया कि निश्चित रूप से नवंबर 2017 का हादसा कभी न भूलने वाला था. उस भयावह दुर्घटना से सबक लेते हुए अब ऊंचाहार यूनिट सुरक्षा के नए जुड़े मापदंडों समेत सभी गाइडलाइंस को पूरी तरह पालन करते हुए सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. हादसे के करीब 13 माह बाद दिसंबर 2018 में प्लांट की 500 मेगावाट की दुर्घटनाग्रस्त यूनिट ने उत्पादन करना फिर से शुरू कर दिया.
स्वर्णिम यूनिट के रसूख को वापस पाने की राह पर ऊंचाहार
इसके अलावा हादसे के बाद सीईए (सेंट्रल इलेक्ट्रीसिटी आथॉरिटी) ने देश भर के तमाम थर्मल पॉवर प्लांट के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे. 'लेसन फ्रॉम एनटीपीसी ऊंचाहार इंसिडेंट' या 'एनटीपीसी ऊंचाहार की दुर्घटना से सबक' नाम का विशेष अंक भी जारी किया गया. मिश्र दावा करते हैं कि अतीत से सबक लेकर वर्तमान में बेहतर और भविष्य में बेहतरीन उत्पादन क्षमता की ओर बढ़ते हुए एनटीपीसी ऊंचाहार सुरक्षा मानकों से किसी प्रकार का समझौता न करते हुए आगे बढ़ रहा है. ऊंचाहार देश के चुनिंदा हाई क्लास थर्मल पॉवर प्लांट में शुमार है.
ऊंचाहार में स्थापित हो चुका है अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित सुरक्षा अकादमी
प्लांट के प्रभारी कहते हैं कि एनटीपीसी ऊंचाहार में सुरक्षा तंत्र ग्लोबल पैटर्न के समक्ष रखने की दिशा में सेफ्टी पार्क विकसित किया जा चुका है. यहां पर हादसों से बचाव के अलावा किसी भी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. खास बात यह है कि इस प्लांट में एम्प्लाइज के अलावा स्थानीय लोगों और विजिटर्स को भी सुरक्षा से संबंधी टिप्स दिए जाने की पहल की गई है. इसके साथ ही शीर्ष प्रबंध तंत्र के निर्देश पर देश भर के तमाम एनटीपीसी की यूनिटों के लिए 'सेफ्टी मेजर्स' ट्रेनिंग को ऊंचाहार के सुरक्षा अकादमी में दिए जाने का दावा भी समूह महाप्रबंधक ने किया.
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बता दें कि 1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार के प्लांट में यूनिट नंबर 6 के बॉयलर के फट जाने से बड़ा विस्फोट हुआ था. इसके चपेट में आने से 45 लोगों की मौत हो गई थी और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस दौरान यूनिट 6 के पुनरुद्धार में लगभग 145 करोड़ रुपये की लागत आई. साथ ही उत्पादन के बंद रहने के कारण करीब 400 करोड़ रुपये का नुकसान भी एनटीपीसी को उठाना पड़ा. एनटीपीसी ऊंचाहार की सबसे बड़ी प्रोडक्शन यूनिट नंबर 6 में कुल 500 मेगावाट विद्युत उत्पादन की क्षमता उपलब्ध है. एनटीपीसी की इस इकाई से सबसे ज्यादा बिजली आपूर्ति उत्तर प्रदेश को की जाती है. इसके बाद राजधानी दिल्ली का नंबर आता है.