पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि आज, रायबरेली को दिलाई थी नई पहचान
देश की पहली व अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी की आज 36वीं पुण्यतिथि है. निडर और साहसी फैसले लेने वाली इंदिरा गांधी की हत्या आज के ही दिन साल 1984 में कर दी गई थी. इंदिरा गांधी का रायबरेली से खास नाता रहा है.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी
रायबरेली:निडर साहसी और कड़े से कड़े फैसले बेहद निर्भयता से लेने वाली भारत की पहली व अबतक की एक मात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी की आज 36वीं पुण्यतिथि है. आज के दिन साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी. फौलादी इरादों वाली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इस दिन सुबह के समय उनके सिख बॉडी गार्ड्स ने मौत के घाट उतार दिया था.
रायबरेली के लिए 'स्वर्णिम युग' था इंदिरा गांधी का कार्यकाल
रायबरेली के राजनीतिक विश्लेषक विजय विद्रोही कहते हैं कि इंदिरा गांधी का रायबरेली के विकास में खासा योगदान रहा है. इंदिरा गांधी के समय के कार्यकाल के दौरान रायबरेली एक बड़े औद्योगिक विकास की ओर अग्रसर था. उनके समय में यहां पर करीब 84 उद्योग व कल कारखानों को स्थापित किया गया था. इनमें इंडियन टेलिफोन इंडस्ट्री (आईटीआई), अपकॉम केबल्स, यूपी एस्बेस्टस, यूपी इन्सुलेटर्स, शुगर मिल, स्कूटर फैक्ट्री समेत कई सरकारी, सार्वजनिक क्षेत्र व निजी क्षेत्र के उपक्रम भी शामिल रहे. इन सभी कारखानों व उद्योगों में बड़ी तादात में लोगों को रोजगार मिला था. करीब 1 लाख 40 हज़ार से ज्यादा स्थानीय लोग प्रत्यक्ष रूप से इन कारखानों में कार्यरत रहे.उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल का दौर रायबरेली के लिए स्वर्णिम काल सा रहा. शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका कार्यकाल अभूतपूर्व था. उनकी बदौलत जिले को कई डिग्री कॉलेज मिले थे साथ ही श्रृंखलाबद्ध तरीके से इंटर कॉलेज व प्राइमरी स्कूलों का भी जाल पूरे जिले में बिछाया गया था.
रायबरेली को विश्व पटल पर स्थापित किया
रायबरेली के स्थानीय इतिहासकार डॉ. जीतेंद्र सिंह कहते हैं कि 11 जनवरी 1966 को देश के प्रधानमंत्री पद की कमान इंदिरा गांधी के हाथों में सौंपी गई थी. वर्ष 1967 में जब उन्हें पहली बार सांसद के चुनाव लड़ने का मन बनाया, अपने लोकसभा क्षेत्र के रूप में रायबरेली को चुना. जनपद को हमेशा से अपना घर मानने वाली इंदिरा गांधी और यहां के विकास को हमेशा प्राथमिकता और वरीयता देती थी.
इंदिरा गांधी ने रखी थी रायबरेली में विकास की नींव
डॉ. जितेंद्र कहते हैं कि वर्तमान में भी जो कुछ औद्योगिक विकास यहां पर दिखाई देता है उसकी नींव रखने का काम इंदिरा गांधी के द्वारा ही किया गया था. दुनिया के किसी भी कोने में यदि जिले के नाम की चर्चा होती है तब इंदिरा गांधी का जिक्र जरूर किया जाता है. रायबरेली को विश्व पटल पर स्थापित करने का तमगा इंदिरा गांधी को दिया जाता था. कुछ यही कारण है कि यहां के जनजीवन में इंदिरा गांधी का महत्व पहले भी था, वर्तमान में भी है और भविष्य में भी रहेगा.
इंदिरा गांधी की कार्यशैली रही बेहद खास
इंदिरा गांधी के दौर में रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक रहे पूर्व स्वाधीनता संग्राम सेनानी पंडित मदन मोहन मिश्रा के पुत्र पूर्व पीएम से जुड़े संस्मरणों को याद करते हुए अनिल मिश्रा कहते हैं कि एक बार इंदिरा गांधी रायबरेली आई हुई थीं. उनके पिताजी विधायक मदन मोहन मिश्रा इंदिरा गांधी से मिलने गए थे. साथ में ही उनकी माता व विधायक मिश्र की धर्मपत्नी भी थीं. चूंकि विधायक प्रधानमंत्री को बहन जी के नाम से पुकारते थे. कुछ यही कारण था कि उनकी धर्मपत्नी को आया हुआ देखकर इंदिरा गांधी ने बेहद गर्मजोशी से उनसे भेंट की और सहज भाव से बैठा कर उनका हालचाल पूछा.
इंदिरा गांधी से मिलकर कर कोई हो जाता था उनका मुरीद
अनिल मिश्र के अनुसार, इंदिरा गांधी की कार्यशैली ही उन्हें बेहद खास बनाती थी और उनका यह स्वभाव रायबरेली के हर आम व खास के लिए लगाव पैदा करता था. जिले का कोई भी व्यक्ति दिल्ली जाता था और उनके कार्यालय जाकर या आवास जाकर उनसे मिलने की इच्छा जाहिर करता तो वह बेहद आदर पूर्वक उसकी मुलाकात इंदिरा गांधी से करवाई जाती थी. यही कारण है जिसकी वजह से यहां के लोग इंदिरा गांधी को अपने मन से अपने जेहन से आज भी नहीं निकाल पाए हैं. उनकी कार्यशैली बेहद विशिष्ट थी और उनके अभिवादन का तरीका और बातचीत का रवैया इस कदर मृदुभाषी था कि हर कोई उनसे मिलकर उनका मुरीद हो जाता था.
Last Updated : Oct 31, 2020, 10:48 AM IST