रायबरेली: लालगंज स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना समेत भारतीय रेल की तमाम इकाइयों के निगमीकरण किए के जाने के विरोध में देशभर के सभी रेलवे संगठनों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं लोकसभा में यूपीए चेयरपर्सन और मौजूदा सांसद सोनिया गांधी की ओर से सदन के पटल पर एमसीएफ के मुद्दे को उठाए जाने के बाद कारखाना परिसर में कर्मचारियों द्वारा एक बार फिर से जोरदार प्रदर्शन किया गया.
निगमीकरण के खिलाफ प्रदर्शन. क्या है मामला
⦁ लालगंज के मॉडर्न कोच फैक्ट्री परिसर में कर्मचारियों ने दोपहर बाद गेट नंबर 3 के सामने रेलवे बोर्ड और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
⦁ एमसीएफ के निगमीकरण को बड़ी साजिश करार देते हुए आने वाले समय में देश के इस सर्वश्रेष्ठ कारखाने को निजी कंपनियों के हाथों बेचे जाने का भी अंदेशा जताया.
⦁ एमसीएफ के निगमीकरण किए जाने की मंशा पर सवाल उठाते हुए कर्मचारी नेताओं ने इस निर्णय के औचित्य पर भी सवाल उठाया.
एमसीएफ के स्थानीय कर्मचारी यूनियन के कार्यवाहक अध्यक्ष राकेश तिवारी ने ईटीवी भारत से की बातचीत में चेयरमैन रेलवे बोर्ड के उस पत्र का उल्लेख करते हुए एमसीएफ के निगमीकरण के विरोध में प्रदर्शन की बात कही. हालांकि कर्मचारी नेताओं ने फिलहाल किसी भी प्रकार के आर्थिक तंगहाली की बात को सिरे से नकार दिया है, लेकिन निगमीकरण के विरोध में जबर्दस्त प्रदर्शन के साथ रेलवे बोर्ड चेयरमैन के पत्र को वापस लेने की मांग की.