रायबरेली: जिले में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय (Scam In Kasturba Gandhi School) में 63 लाख रुपये से ज्यादा की हेरफेर का मामला सामने आया है. शासन स्तर पर मॉनिटरिंग में जब मामला खुला तो विभाग की नींद उड़ गई और मामले की जांच के लिए एडी बेसिक पीएन सिंह रायबरेली पहुंचे. फिलहाल वित्तीय अनियमितता से जुड़ा मामला होने के चलते विभाग और जिला प्रशासन में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है.
बिना फीडिंग के खर्च कर दिए लाखों रुपये
केंद्र और प्रदेश सरकार निर्धन व कमजोर तबके की बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं होने दे रही है. सरकार की मंशा को पलीता लगाते हुए विभाग के जिम्मेदार कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए आए धन को हजम करने में लगे हैं. मामला सरकार के ऑनलाइन प्रेरणा पोर्टल पर उस समय खुला जब फीडिंग न होने के बाद भी रुपये खर्च हो गए. जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा का कहना है कि फरवरी और मार्च में विद्यालय खुले थे और छात्राएं आई थी. उस दौरान उनके ऊपर धनराशि खर्च की गई. बीएसए ने बताया कि तकनीकी खराबी के चलते प्रेरणा पोर्टल पर फीडिंग नहीं हो पाई. इस वजह से उपस्थित शून्य दिखाई दे रही है. जबकि छात्राएं विद्यालय में मौजूद रही है. 35 लाख रुपयों का भुगतान हुआ है, अब इतनी रकम कैसे दिखाई जा रही मुझे नहीं पता, पूरा भुगतान नियमानुसार हुआ है.