रायबरेली: जिले में सालों से अटके रिंग रोड प्रोजेक्ट के पूरा होने की आस जगी है. स्थानीय प्रशासन अब दावा कर रहा है कि सभी गतिरोधों को समाप्त कर जल्द ही प्रोजेक्ट का काम एक बार फिर शुरु किया जाएगा. साथ ही इसी साल इसके पूरा होने के भी आसार दिख रहे हैं. भारत सरकार के सड़क परिवाहन मंत्रालय को इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लंबी कवायद के बाद विभाग ने तीसरा वेंडर को इस कार्य की पूरी जिम्मेदारी सौंपी है. इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट को अंतिम रुप दिया जाएगा.
स्थानीय सांसद सोनिया गांधी के कार्यकाल में अधूरी पड़ी थी परियोजना
यूपीए शासनकाल में स्थानीय सांसद सोनिया गांधी द्वारा वर्ष 2013 में रायबरेली को रिंग रोड प्रोजेक्ट की सौगात दी गई थी.अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को महानगरों के बीच चलने वाले भारी वाहनों के ट्रैफिक से निजात दिलाने के मकसद से इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई. मार्च 2014 में ही इस प्रोजेक्ट के फर्स्ट फेज में काम शुरु हो गया था. दो साल के अंदर इसको पूरा करने का दावा किया जा रहा था पर रिंग रोड प्रोजेक्ट का पहला फेज भी अभी तक अधूरा ही पड़ा है. भारत सरकार के सड़क परिवाहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.