रायबरेलीः रेल पहिया कारखाने के कामकाज पर कोरोना का जबरदस्त असर देखने को मिला है. पहिया निर्माण की ओर तेजी से बढ़ रहे कारखाने को लॉकडाउन के कारण मार्च में ही ठहरना पड़ा था. जर्मन मशीनरी के इंस्टॉलेशन और कमिश्निंग का कार्य अंतिम चरण में पहुंचने के बावजूद सब कुछ थम गया. नतीजा यह है कि बीते 6 माह से जर्मन इंजीनियर के अभाव में कामकाज ठप है. कारखाने के अधिकारियों का दावा है कि यदि सब कुछ ठीक ठाक रहता तो 1 लाख फोर्जड व्हील प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता के साथ स्थापित हुए इस कारखाने में उत्पादन शुरु हो चुका होता. हॉट ट्रायल मशीनिंग व ऑनलाइन टेस्टिंग समेत कई जरूरी स्टेज अधूरे रहने के कारण फिलहाल अभी कुछ कह पाना मुश्किल है. यही कारण है कि रायबरेली के लालगंज स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाने के परिसर में स्थापित राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के इस पहिया कारखाने पर अब राजनीति घमासान भी छिड़ता नजर आ रहा है. जिले के कांग्रेसी नेता इस मसले पर जहां सत्तारुढ़ दल भाजपा पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं वहीं बीजेपी की तरफ से भी जबरदस्त पलटवार देखा जा रहा है.
भाजपा सरकार की गलत नीतियों की भेंट चढ़ा रेल पहिया कारखाना
बीते 06 माह से रेल पहिया कारखाने में पहिया निर्माण का कार्य ठप होने से कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा है. सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी कहते हैं कि रेल पहिया कारखाने की सौगात स्थानीय सांसद सोनिया गांधी द्वारा दी गई थी. उद्देश्य यही था कि एमसीएफ में हो रहे रेल डिब्बे निर्माण में पहिए की जरूरत को स्थानीय स्तर पर ही पूरा किया जा सके. वर्ष 2013 में इसका शिलान्यास हुआ था पर केंद्र सरकार के ढुलमुल रवैया के कारण सालों बीत जाने के बावजूद अब तक उत्पादन शुरू नहीं हो सका. अब कोरोना के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. आखिर इतने वर्षों में सरकार किसी भी भारतीय इंजीनियर को जर्मन इंजीनियर से प्रशिक्षित क्यों नहीं करा पाई. यह दर्शाता है कि यह कारखाना पूरी तरह से विदेशियों के ही बलबूते सरकार की चलाने की मंशा थी और किसी भी भारतीय एक्सपर्ट को इस पूरे प्रोजेक्ट पर नहीं लगाया गया था. नहीं तो अब तक पहिया उत्पादन का कार्य शुरु हो गया होता.
जल्द शुरु होगा कारखाने में पहियों का उत्पादन
कांग्रेस के आरोपों को एकसिरे से नकारते हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष और प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य आरबी सिंह कहते हैं कि कोरोना वैश्विक महामारी है. जिसका असर देश दुनिया के तमाम देशों में भी देखा जा रहा है. रेल पहिया कारखाना जर्मन कंपनी की निगरानी में बनाया जा रहा था. लगभग कार्य पूरा हो चुका है और पहिया उत्पादन भी शुरु हो गया था. बस टेस्टिंग सहित कुछ अन्य कार्य बाकी थे पर कोरोना के कारण सभी जर्मन एक्सपर्ट को अपने देश वापस लौटना पड़ा. अब जैसे ही कोरोना की रफ्तार पर नियंत्रण पाया जाता है, सभी जर्मन एक्सपर्ट लालगंज वापसी करेंगे और कुछ ही समय में उत्पादन कार्य संपन्न कराया जा सकेगा.