रायबरेली:आबकारी विभाग द्वारा सिंगल डे-इवेंट को ध्यान में रखकर बार लाइसेंस देने के मकसद से 'ओकेशनल बार लाइसेंसिंग’ सुविधा की शुरुआत की गई थी. बाद में इसे ऑनलाइन के माध्यम से जोड़कर ज्यादा पारदर्शी बनाने का दावा भी विभाग द्वारा किया जा रहा था. फिलहाल विभाग के राजस्व जुटाने के मंसूबों पर पानी फेरते हुए यह स्कीम विफल साबित होती नजर आ रही है.
अभी तक तीन महीनों में मात्र इतने ही हुए आवेदन
बीते 3 महीनों में सिर्फ दो ही ऐसे आवेदक हुए हैं, जिन्हें 'बार लाइसेंसिंग' की सुविधा पाने के मकसद से आबकारी विभाग से स्वीकृति लेने की जरूरत पड़ी है. हालांकि जनपद के विभागीय प्रभारी इसके लिए लगन सीजन न होने का दावा कर रहे हैं.
जिला आबकारी अधिकारी से बातचीत करते संवाददाता. आमतौर पर एकदिवसीय समारोह में शराब के सेवन व मदिरा को परोसे जाने को लेकर आयोजकों को सहूलियत देने के मकसद से निर्धारित शुल्क जमाकर विभाग द्वारा ओकेशनल बार का लाइसेंस दिए जाने की पहल की गई थी और इसी सत्र से इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन माध्यम से जोड़े जाने के बाद विभाग द्वारा राजस्व में भारी मात्रा में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन फिलहाल इसके तहत आवेदन विभाग को नहीं मिल रहे हैं.
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'ओकेशनल बार लाइसेंसिंग' के आवेदन में बीते कुछ महीनों में कमी देखी गई है. बीते तीन महीनों में दो आवेदकों ने ही इसके तहत आवेदन किया है. हालांकि इसका कारण मांगलिक कार्यक्रमों का न होना भी हो सकता है.
-राजेश्वर, जिला आबकारी अधिकारी