रायबरेली :अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा कर एनटीपीसी ऊंचाहार जल्द ही देश के चुनिंदा संस्थानों में शुमार होगा. क्योंकि यह भी 'जीरो लिक्विड डिस्चार्ज' की श्रेणी में शामिल होने जा रहा है. जिले के ऊंचाहार में स्थापित एनटीपीसी ने प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बड़ी तेजी से कदम बढ़ाएं हैं जिसका असर भी देखने को मिल रहा है. फिलहाल यूनिट के शीर्ष प्रबंधन का दावा है कि अगले तीन-चार महीनों में जल संरक्षण के क्षेत्र में एनटीपीसी ऊंचाहार एक मिसाल बनकर उभरेगा.
रायबरेली: एनटीपीसी ऊंचाहार जल्द ही बनेगा 'जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट'
उत्तर प्रदेश में रायबरेली का ऊंचाहार एनटीपीसी 'जीरो लिक्विड डिस्चार्ज' की श्रेणी में शामिल होने जा रहा है. इसके साथ ही एनटीपीसी नमामि गंगे परियोजना में भी अपनी सहभागिता करेगा.
नमामि गंगे परियोजना को एनटीपीसी की सहभागिता.
गोकना घाट पर बनेगा विद्युत शवदाह केंद्र
- गंगा की निर्मलता और अविरलता को बरकरार रखने के लिए नमामि गंगे परियोजना को एनटीपीसी की सहभागिता मिल रही है.
- नमामि गंगे परियोजना को एनटीपीसी द्वारा तकनीकी के उपयोग से साकार रूप दिया जाएगा.
- एनटीपीसी प्लांट ने गंगा तट के नजदीक गोकना घाट पर इलेक्ट्रिकल शवदाह केंद्र बनाने का निर्णय लिया है.
- उच्च तकनीक युक्त इस विद्युत शवदाह केंद्र के शुरु होने से गोकना घाट पर होने वाले प्रदूषण से काफी हद तक निजात मिलेगी.
एनटीपीसी ऊंचाहार 'जीरो लिक्विड डिस्चार्ज' प्लांट के रुप मे पहचान बनाने में कामयाब होगा. मार्च 2020 तक हर हालत में एनटीपीसी ऊंचाहार जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट के रूप में स्थापित कर लिया जाएगा. इस प्रयास से इस यूनिट को जल संरक्षण के दिशा में कामयाबी मिलेगी. साथ ही वैश्विक स्तर पर तकनीक के उच्च प्रयागों से अपनी विशेष पहचान बनाने में सफलता हासिल होगी.
-अश्विनी कुमार त्रिपाठी, सीजीएम, एनटीपीसी ऊंचाहार
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST