रायबरेली: हिंदी उर्दू की शायरी के दम पर करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राना ने बीती रात लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में आखरी सांस ली. इसकी जानकारी उनकी बेटी सपा नेता सुमैय्या राना ने दी. मुनव्वर लम्बे समय से कई बीमारियों से लड़ रहे थे. मरहूम राना का जन्म रायबरेली के किलाबाजार क्षेत्र में अरमान राना के घर में हुआ था. उनकी मां का नाम आयशा खातून था जिनके वो बहुत करीब थे और अधिकतर अपनी शायरी में उनका उल्लेख किया करते थे.
देश के बंटवारे में उनके कई रिश्तेदार पाकिस्तान चले गए लेकिन उनके पिता ने भारत में ही रहने का फैसला किया. राना के जन्म के कुछ समय बाद ही जमींदारी प्रथा का उन्मूलन शुरू हुआ और उनके पिता की जमींदारी छिन गई, जिससे वो रोजी रोटी की तलाश में कोलकाता पहुंच गए. वहां उन्होंने ट्रांसपोर्ट का कारोबार शुरू किया. राना की आगे की पढ़ाई वहीं हुई. कुछ समय बाद राना को लखनऊ की आबोहवा रास आई और वो लखनऊ बस गए.