लखनऊ: कांग्रेस पार्टी की विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह की सदस्यता रद्द करने वाली याचिका खारिज कर दी गई है. इन दोनों पर पार्टी व्हिप का उल्लंघन और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अदिति सिंह ने कहा कि इस निर्णय से मैं बहुत खुश हूं. आज सत्य की जीत हुई है. जिस काम के लिए मेरे क्षेत्र की जनता ने मुझे चुनकर भेजा है, मैं वो काम करती रहूंगी. कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाते हुए अदिति सिंह ने कहा कि उन्होंने मुझे परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
दल बदल कानून के तहत सदस्यता खत्म करने की कांग्रेस की अर्जियों को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने साक्ष्यों की कमी के आधार पर खारिज किया है. पिछले साल योगी सरकार ने दो अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. इस सत्र का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था, लेकिन विधायक अदिति सिंह इसमें शामिल हुईं. इस पर सीएम योगी समेत बीजेपी के अन्य नेताओं ने अदिति की सराहना की और बहिष्कार के लिए कांग्रेस के अन्य नेताओं को विकास विरोधी करार दिया.
कांग्रेस विधायक अदिति सिंह पर पार्टी व्हिप उल्लंघन का था आरोप. आराधना मिश्रा ने याचिका दाखिल की
इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा था. विधायक ने कोई जवाब नहीं दिया तो कांग्रेस विधानमंडल की नेता आराधना मिश्रा ने अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष 26 नवंबर 2019 को याचिका दाखिल की. उनका कहना था कि विधायक अदिति ने दो अक्टूबर 2019 को बुलाए गए विशेष सत्र का बहिष्कार करने के लिए कांग्रेस द्वारा जारी व्हिप का उल्लंघन किया है. इसलिए उनकी सदस्यता समाप्त की जानी चाहिए.
सोनिया का विरोध करने का आरोप
कांग्रेस पार्टी के एक और विधायक राकेश सिंह की सदस्यता रद्द करने के लिए 31 मई 2019 को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर की गई थी. कांग्रेस ने अपने विधायक राकेश सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था. राकेश सिंह पर आरोप है कि लोकसभा चुनाव के दौरान रायबरेली लोकसभा सीट के चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का इन्होंने विरोध किया है.
विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज की याचिका
दरअसल, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के मजबूत कांग्रेस नेताओं को तोड़ लिया था. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने दोनों विधायकों की सदस्यता समाप्त किए जाने की याचिका की सुनवाई करते हुए याचिका खारिज कर दी है. अब वे विधायक बने रहेंगे.