रायबरेलीः जनपद में कुल 29 गंगा ग्रामों को चिन्हिंत करके जिला प्रशासन एक खास पहल की शुरुआत करने जा रहा है. दरअसल जिला प्रशासन गंगा ग्रामों को विकास मॉडल के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रहा है. इस कवायद को सफल बनाने के मकसद से हर गांव के लिए एक नोडल अधिकारी को भी नामित किया गया.
नमामि गंगे से बदलेंगे गंगा ग्रामों के दिन. 27 जनवरी से गंगा यात्रा की शुरुआत
27 जनवरी से गंगा यात्रा की शुरुआत की जा रही है, जिससे पूर्व गंगा को निर्मल करने के साथ-साथ किनारे बसे नगर पंचायतों को ओडीएफ प्लस घोषित किए जाने की तैयारी है. साथ ही गंगा ग्रामों में विकास योजनाओं को गति देकर पूर्णतया सुसज्जित करने के दावे भी किए जा रहे हैं.
गंगा किनारे के 29 गांव गंगा ग्राम
जनपद रायबरेली में गंगा किनारे के 29 गांवों को गंगा ग्राम के रूप मे चुना गया है. सभी नोडल अधिकारियों को जिला प्रशासन ने निर्देश जारी किए है कि अपने निर्धारित ग्राम में जाकर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें. गंगा के किनारों की साफ सफाई और सुंदरता के लिए तेजी से काम हो रहा है.
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गंगा उद्यान भी बनाए जाएंगे
चयनित गांवों में खेलकूद, वाद-विवाद, सामान्य ज्ञान, चित्रकला आदि प्रतियोगिताओं के साथ स्वास्थ्य पशु मेलों का भी आयोजन किया जा रहा है. नदी के 500 मीटर के दायरे में बाढ़ क्षेत्रों को छोड़कर फलदार वृक्ष लगाए जा रहे हैं. इसके लिए 'गंगा उद्यान' बनाने की तैयारी को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है.
29 गंगा ग्राम के नोडल अधिकारी की नियुक्ति
बृज मोहन शुक्ला ने बताया कि जनपद के कुल 29 गंगा ग्राम के नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जा चुकी है. सभी विभागों से समन्वय बनाकर इस दिशा में कार्य करने के निर्देश शासन की ओर से जारी किए गए हैं. विशेष तौर पर वन विभाग द्वारा इन सभी गंगा ग्रामों में शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार पौधरोपण किए जा चुके हैं. पौधरोपण के माध्यम से भूमि का कटाव, गंगा में गंदगी के प्रवेश को रोका जा सकेगा. साथ ही स्थल की हरियाली भी बरकरार रखी जा सकेगी.
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गंगा किनारे पॉलीथिन के प्रयोग पर पूर्णतया रोक
विभाग सभी गंगा ग्रामों में साफ-सफाई, शौचालय, पेयजल और विद्युत व्यवस्था आदि को दुरुस्त करने की तैयारी कर रहा है. इसके अलावा इन क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर भी विशेष जोर दिया जाएगा. किसी भी सूरत में सीवर और ड्रेनेज का बहाव गंगा में न हो इसको लेकर अधिकारी खासे चिंतित हैं. खासकर गंगा किनारे पॉलीथिन के प्रयोग पर पूर्णतया रोक लगाने पर जोर दिया जा रहा है.
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