रायबरेली: कांग्रेस का आज 134वां स्थापना दिवस हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस देश की आत्मा है. कांग्रेस का लक्ष्य कभी सत्ता प्राप्त करना नहीं रहा और न ही देशहित के मुद्दों से पार्टी ने कभी समझौता किया. कांग्रेस वो पार्टी रही जिसने लोगों के मन में आजादी के प्रति अलग जगाई.
इसलिए पुणे में नहीं हो सकी कांग्रेस की स्थापना
इटावा के कलेक्टर पद से रिटायर हो रहे ए.ओ.ह्यूम को भारत के प्रबुद्ध सभा के नागरिकों द्वारा बैठक आहूत होने की खबर मिली. ह्यूम बम्बई के रास्ते वापस इंग्लैंड जा रहे थे तभी भारतीय विचारकों के चर्चा करने की जानकारी मिली. 24 दिसंबर 1885 को पुणे में रोग फैलने के कारण इसकी स्थापना को पुणे में न होकर बम्बई में हुई. 28 दिसंबर को 1885 में सेठ गोकुल दास तेजपाल संस्कृति पाठशाला में अलग अलग प्रान्तों से आए कुल 72 लोग स्थापना दिवस के गवाह बने.
दबाव में आकर कभी नहीं किया उसूलों से समझौता
कांग्रेस पार्टी व उसके नेताओ ने कभी किसी दबाव में आकर उसूलों से समझौता न करने की बात कहते हुए पांडेय कहते है कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कभी देश हित के फैसले लेने में किसी दबाव में नही रहा. वहीं 1916 में पहली बार महात्मा गांधी ने कांग्रेस के लखनऊ सेशन में भाग लिया उसके बाद ही चंपारण आंदोलन की शुरुआत हुई.