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रायबरेलीः जमघट के दिन करें पर्यावरण संरक्षण और पशु सेवा - पर्यावरण संरक्षण और पशु सेवा

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में ईटीवी भारत ने नामचीन पशु सेवी और पर्यावरण संरक्षक श्याम साधु से खास बातचीत की. संरक्षक ने बताया कि कैसे लोग जमघट के दिन असामाजिक कार्यों में समय व्यतीत करते हैं, बल्कि ऐसा न करके पर्यावरण संरक्षण और पशु सेवा करनी चाहिए.

पशु सेवी और पर्यावरण संरक्षक श्याम साधु.

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Published : Oct 28, 2019, 9:17 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेलीः जिले के नामचीन पशु सेवी और पर्यावरण संरक्षक श्याम साधु ने जमघट मनाने के अनोखे तरीके को साझा किया. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में श्याम साधु ने जमघट के दिन पटाखों से परहेज कर कुछ समय निकालकर पशुओं और पक्षियों की सेवा विशेषतौर पर गोपूजन की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि जमघट का दिन पर्यावरण और पशु सेवा में योगदान देने के लिए उपयुक्त अवसर है.

पशु सेवी और पर्यावरण संरक्षक श्याम साधु से खास बातचीत.

पशु सेवा एक सुकून वाला कार्य
ईटीवी भारत से खास बातचीत में श्याम साधु ने कहा कि दीपावली के अगले दिन पड़ने वाले जमघट पर लोग काम काज से दूर रहते हैं, लेकिन सही मायनों में सुकून वाले इस दिन पशु सेवा एक ऐसा कार्य है, जो आत्मिक संतुष्टि के साथ आध्यात्मिक शांति भी देता है, जो किसी भी पर्व के साथ बेहद जरुरी है. गौ को मां लक्ष्मी की जननी करार देते हुए श्याम साधु कहते हैं कि गौ सेवा से लक्ष्मी का आशीर्वाद आसानी से मिल जाता है, यही सनातन धर्म कहता है.

जमघट के दिन करें पर्यावरण संरक्षण
साथ ही श्याम साधु कहते हैं कि दीपावली के अगले दिन कुछ लोग जुआ खेलने जैसे असामाजिक कार्यों में लिप्त रहते हैं, लेकिन सही मायने में ऐसे सभी कामों से दूर रहकर पर्यावरण संरक्षण जैसे काम करना चाहिए. इस पहल के पीछे श्याम साधु दलील देते हुए कहते हैं कि रोशनी के पर्व पर पटाखों के शोर और धुंए के प्रदूषण को कम करने के लिए पशु और पेड़ों की आवश्यकता होती है और इसी को पूरा करने का दिन जमघट होता है. बस जरुरत है तो इस दिशा में सामाजिक चेतना की.

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

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