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CAA अधिकार छीनने वाला नहीं बल्कि अधिकार देने का कानून है: दिनेश शर्मा

उत्तर प्रदेश के सूबे के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा एक दिवसीय दौरे पर रायबरेली पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि CAA की वजह से देश के किसी नागरिक का अधिकार छीना नहीं जाएगा, क्योंकि यह तो नागरिकों को उनका अधिकार देने वाला कानून है.

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Published : Jan 10, 2020, 8:43 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

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डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा पहुंचे दिनेश शर्मा.

रायबरेली: सूबे के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा अपने एक दिवसीय दौरे शुक्रवार को जिले में पहुंचे. उन्होंने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद सुपर मार्केट में पार्टी कार्यालय के समीप श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क में पार्टी द्वारा आयोजित गोष्ठी में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने CAA का विरोध कर रही पार्टियों पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि इस दौरे का उद्देश्य नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में जिले की जनता को लामबंद करना है.

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा पहुंचे रायबरेली.

अल्पसंख्यक समुदाय में किया जा रहा दुष्प्रचार
डिप्टी सीएम ने कहा कि विपक्ष CAA के मुद्दे पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को के बीच दुष्प्रचार फैलाने का प्रयास कर रहा है. दिनेश शर्मा ने दावा किया कि नागरिकता संशोधन कानून में भारत के मुस्लिम नागरिकों का कोई जिक्र नहीं है. लेकिन कुछ लोग देश विरोधी जाल बुनकर देश को कमजोर करने के मकसद से यूनिवर्सिटी में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करा रहे हैं, जबकि इस कानून से देश के किसी नागरिक का अधिकार छीना नहीं जाएगा, क्योंकि यह तो नागरिकों को उनका अधिकार देने वाला कानून है.

हिंसक प्रदर्शन करने का अधिकार किसी को नहीं
सीएए को लेकर प्रदेश भर में हुए हिंसक प्रदर्शन के विषय मे डिप्टी सीएम ने दावा किया कि 75 में से 21 जिलों में जो प्रदर्शन देखने को मिले हैं. यह प्रदर्शन सिर्फ विपक्षी दलों द्वारा फैलाए गए दुष्प्रचार का नतीजा है. लोकतंत्र में हर किसी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन हिंसक प्रदर्शन करने का अधिकार किसी को नहीं दिया जाएगा.

उपद्रवियों से नुकसान की वसूली करना है न्यायसंगत
डिप्टी सीएम ने सीएम योगी द्वारा प्रदर्शन में शामिल दंगाइयों से हुए नुकसान से हर्जाना वसूले जाने की बात को जायज ठहराया. उन्होंने कहा कि यह पहल देश की न्यायपालिका द्वारा पूर्व के कई मामलों में दिए गए कई निर्णय को देखते हुए लिया गया है. यही कारण है कि यह फैसला पूरी तरह से न्यायसंगत है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

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