उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

सीएम योगी के फरमान का असर, गौशालाओं में ठंड को 'काऊ कोट' से मात देने की तैयारी

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए प्रशासन ने कई इंतजाम कर लिए हैं. गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए काऊ कोट गोवंशों को पहनाया जा रहा है.

By

Published : Dec 21, 2019, 9:40 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

etv bharat
गोवंशों को पहनाया गया काऊ कोट.

रायबरेली: जिले में सीएम योगी के फरमान का असर दिख रहा है. गौशालाओं में ठंड को 'काऊ कोट' से मात देने की तैयारी कर ली गई है. गोवंश को ठंड से बचाने के लिए 'काऊ कोट' पहनाए जा रहे हैं. साथ अलाव की भी व्यवस्था की जा रही है.


गोवंश को बचाने के लिए किए गए कई इंतजाम

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए आदेश दिए थे.
  • सभी सरकारी गौशालाओं में संरक्षित गोवंश को ठंड से बचाव के लिए 'काऊ कोट' दिए जाने के आदेश थे.
  • प्रशासन ने इस दिशा में ठोस प्रयास किए जाने की बात कह रहा है.
  • जनपद में गोवंश आश्रय स्थल में 'काऊ कोट' तैयार हो चुके हैं.
  • साथ ही ठंड से बचाव के हर संभव प्रयास का दावा भी किया जा रहा है.
  • बीते कुछ दिनों में सर्दी का आलम यह है कि सभी इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे है.
  • जिले के जिम्मेदार दावा कर रहे है कि शासन की मंशा के अनुरुप गोवंश को ठंड से निजात दिलाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे.
    ठंड से बचने के लिए गोवंशों को काऊ कोट पहनाया जा रहा.
    जूट के बोरों से बनाए जा रहे काऊ कोट.

गोवंश को ठंड से बचाने के लिए हर संभव प्रयास

  • कान्हा गोवंश आश्रय स्थल के प्रभारी पशु चिकित्सक डॉ. राम शब्द ने बताया कि शासन से निर्देश मिल थे.
  • गोवंश को सर्द मौसम से बचाने के लिए जरुरी कदम उठाएं जाएं.
  • इस क्रम में आश्रय स्थल के सभी 516 गोवंशों को काऊ कोट या झोल पहनाया जा रहा है.
  • इसके अलावा हरे और ताजे चारे की भरपूर उपलब्धता और अलाव की व्यवस्था भी परिसर में की जा रही है.
  • पूरे परिसर में तिरपाल से घेरकर हवा के प्रभाव को कम करने का काम भी किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- चित्रकूट: गोवंशों के लिए चारे का अभाव, नहीं मिल रही वित्तीय सहायता

गोवंश के रिहायसी क्षेत्र को टाट पट्टी और तिरपाल ढका जा रहा है. शीतलहर के प्रभाव को कम करने के लिए जूट के बोरों के माध्यम से सभी गोवंश के लिए काऊ कोट बनाकर पहनाया गया है. जिला पूर्ति अधिकारी के माध्यम से जूट के बोरों की समुचित व्यवस्था कर ली गई है. जनपद के सभी आश्रय स्थलों के लिए लगभग 3 हजार के करीब काऊ कोट बनाएं जा रहे है. इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि ठंड के दौरान ज्यादातर समय गोवंश अपने बेड़े में ही रहे.
-डॉ. गजेंद्र सिंह चौहान, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details