रायबरेली: मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या, 7 साल बाद दोषी को फांसी की सजा - रायबरेली पुलिस अधीक्षक
यूपी के रायबरेली में डेढ़ वर्षीय बच्ची के साथ रेप करने वाले आरोपी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. यह मामला 2014 में प्रकाश में आया था, जिसमें कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया. कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित पक्ष को न्याय तो मिला ही, साथ ही अपराधियों में भी एक कठोर संदेश गया.
पुलिस अधीक्षक रायबरेली.
रायबरेली:जिले के दीवानी न्यायालय में शुक्रवार को 72 पेशियों के बाद एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया. 7 साल बाद डेढ़ साल की बच्ची के साथ बलात्कार व हत्या के मामले में अभियुक्त को दोषी करार दिया गया. उसे फांसी की सजा सुनाई गई. मामला दीवानी न्यायालय के विशेष पॉक्सो न्यायालय का है, जहां न्यायाधीश विजयपाल ने अभियुक्त को मौत की सजा सुनाई.
यह जघन्य अपराध की घटना मई 2014 की है. घटना सलोन थाना क्षेत्र में हुई थी. डेढ़ साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई. दो घंटे बाद ही बच्ची का शव बरामद हुआ. मामले की शिकायत मिलने पर पुलिस ने आरोपित जितेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट यह बताने के लिए पर्याप्त थी कि किस तरह बच्ची के साथ हैवानियत हुई है. इसके अलावा 12 गवाहों ने भी इस केस को मजबूती दी. रायबरेली के पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ने शुक्रवार को कलम तोड़कर मामले में फैसला सुनाया. आरोपी को फांसी की सजा सुनाई.
दरअसल, घटना के दिन परिवारीजन एक मांगलिक कार्यक्रम में व्यस्त थे. उसी दौरान 'दुधमुंही बच्ची' को गोद में खिलाने के बहाने दरिंदे ने इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया. मामले की सुनवाई के दौरान 72 पेशियां हुई. 20 अक्टूबर को मुल्जिम पर दोष सिद्ध हुआ. बीते शुक्रवार की पहली पाली में सजा पर करीब 20 मिनट बहस हुई. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुना, इसके बाद दूसरी पाली में 20 मिनट के अंदर अपना फैसला सुनाया.
एडिशनल एसपी ने कहा
एडिशनल एसपी विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि मुकदमा अपराध संख्या 241/2014 में पुलिस द्वारा चार्ज शीट दाखिल की गई थी. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट के द्वारा आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है.आरोपी को सजा दिलाने में लोक अभियोजक वेद पाल सिंह का भी सराहनीय योगदान रहा.