रायबरेली: जिस संसदीय क्षेत्र को भारत की पहली व एकमात्र महिला पीएम देने का गौरव हासिल है, उसी क्षेत्र में पीड़ित व शोषित महिलाओं को एक सुरक्षित ठिकाना नसीब होता नहीं दिखता. देश की लोकसभा को सोनिया गांधी व स्मृति ईरानी सरीखे महिला सांसद प्रदान करने वाला जनपद रायबरेली खुद में आधी आबादी से जुड़ी योजनाओं को साकार रूप देने में अब तक विफल साबित होता नजर आया है. जिले में पीड़ित महिलाओं को सुरक्षित आसरा दिलाने के लिए बनाया गया वन स्टॉप सेंटर सिर्फ कागजों पर चल रहा है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र से है रायबरेली का नाता
केंद्र व राज्य में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से वन स्टॉप सेंटर के सफल संचालन का दावा कई अहम मौकों पर किया गया है. केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी रायबरेली समेत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में इसके सफल संचालन का उल्लेख किया गया है. पर जमीनी सूरत इन दावों की पोल खोलती नजर आती है. उत्तर प्रदेश के इस वीवीआईपी क्षेत्र में वन स्टॉप सेंटर का संचालन लंबे समय से ठप है. रायबरेली भले ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाला जनपद रहा हो, पर यहां भी उनके खुद के मंत्रालय की महत्वकांक्षी योजना सिर्फ कागजों में संचालित होती है. वर्ष 2020 से ही अस्थाई परिसर में संचालित हो रहे वन स्टॉप सेंटर में तालाबंदी है और तमाम दावों के बावजूद जिले की पीड़ित महिलाओं को शासन व प्रशासन कोई ठोर ठिकाना उपलब्ध कराने में विफल नजर आता है.
जिम्मेदार कर रहे निर्माण कार्य प्रगति में होने का दावा
अगर बात करें उस तंत्र की जिसके ऊपर इसके सफल संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह जिम्मेदार स्थाई सेंटर का निर्माण कार्य चलने की बात कहते नजर आते हैं. रायबरेली के जिला प्रोबेशन अधिकारी कमलाकांत ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर के लिए जमीन अधिग्रहण हो गया है. निर्माण कार्य भी चालू है. पूरा होते ही इसका संचालन शुरू किया जा सकेगा.