रायबरेली: नदियों के किनारों को कटान मुक्त बनाने के मकसद से सरकार ने बड़ी पहल करने की ठानी है. हरियाली क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए बांस की रोपाई का कार्यक्रम बनाया गया है. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के तहत जिले में इसे साकार रूप देने की योजना है. प्रवासी श्रमिकों को रोजगार और जल संरक्षण के लिहाज से भी इसके सार्थक परिणाम मिलने की उम्मीद है. खास बात यह है कि इस पहल को जिले के डलमऊ तहसील के गंगा घाटों से लेकर सई नदी के तटों तक क्रियान्वयन किया जाएगा.
रायबरेली: नदी तट का कटान रोकने के लिए किनारों पर लगाए जाएंगे बांंस - पर्यावरण संरक्षण
रायबरेली में नदियों के किनारों को कटान मुक्त बनाने के मकसद से सरकार बड़ी पहल करने जा रही है. गंगा नदी के किनारे को हरियाली युक्त बनाने के लिए चल रही कवायद के साथ ही किनारों के कटान को रोकने के लिए बांस को रोपित कराए जाने की कार्ययोजना अमल में लाई गई है.
वन विभाग के उप प्रभागीय वनाधिकारी बृज मोहन शुक्ला ने बताया कि जिले में नमामि गंगे योजना के तहत डलमऊ और लालगंज तहसील में गंगा नदी के किनारे ग्राम समाज की जमीन में वृक्षारोपण किया जाना है. इसी के तहत गंगा को कटान से मुक्त रखने के लिए बांस के रोपण की तैयारी है. इसके साथ ही सई नदी के तट पर भी बांस के वृक्षारोपण के जरिए कटान विहीन किया जाएगा. खास बात यह है कि ग्राम सभा की जमीन पर बांस के पौधरोपण के मकसद से मनरेगा की भी मदद ली जाएगी और योजना का लाभ प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों पर ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के तौर पर भी देखा जा सकता है.
नदियों को कटान मुक्त करने के साथ पर्यावरण व जल संरक्षण की दिशा में इस बड़ी पहल से व्यापक बदलाव आने की उम्मीद है. यही कारण है कि इस पहल के जरिए इस समस्या से निजात दिलाने में कारगर उपाय के रूप देखा जा सकता है.