रायबरेली : जनसंख्या वृद्धि ने शहरों के क्षेत्रफल को भले ही बढ़ाया हो पर सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक ने दम घुटने जैसा माहौल बना दिया है. इसी व्यवस्था को मैनेज करने के लिए शहर में नो एंट्री कॉन्सेप्ट को शामिल किया गया था. शहर में भारी वाहनों के प्रवेश संबंधी यातायात नियमों के अनुसार ट्रैफिक को नियंत्रण में रखने के लिए सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर रोक लगाई गई थी पर इसकी जमीनी स्थिति कुछ अलग ही नजर आती है. नियमों को ताक पर रखकर केवल नो एंट्री का मजाक उड़ाया जा रहा, बल्कि सड़कों पर सभी वाहन ओवरलोड ही नजर आ रहे हैं.
ETV ने जब हाईवे से गुजर रहे भवन निर्माण और अन्य सामग्रियों को ढोने वाले भारी वाहनों की वास्तविक स्थित जानने की कोशिश की तो ध्वस्त व्यवस्था की परतें खुलती गईं. ओवरलोडेड गाड़ियों और नो एंट्री की खुलेआम उड़ रही धज्जियों पर भले ही प्रशासन और जिम्मेदार कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. वहीं सरेआम यातायात व्यवस्था के साथ हो रहे खिलवाड़ का अंजाम सिर्फ आम जनता को ही भुगतना पड़ता है.