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रायबरेली: ऊंचाहार NTPC हादसा, 2 बरस बाद भी बाकी है जख्मों की टीस

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एनटीपीसी ऊंचाहार प्लांट में बॉयलर फटने से बड़ी दुर्घटना हुई थी. दुर्घटना में कई लोगों की जानें गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. 2 साल के बाद भी यहां की आबोहवा में उस दुर्घटना का खौफनाक मंजर साफ झलकता है. उस भयानक हादसे की दूसरी बरसी पर ईटीवी भारत ने पीड़ितों से मुलाकात कर उनके जीवन मे आए बदलावों के बारे में जाना. देखिये पूरी रिपोर्ट...

1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार प्लांट में बॉयलर फटने से हुआ था हादसा.

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Published : Nov 1, 2019, 10:45 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली:1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार प्लांट में बॉयलर फटने से बड़ी दुर्घटना हुई थी. दुर्घटना में कई लोगों की जानें गई थीं और बहुत से लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे. हादसे के 2 साल गुजर जाने के बाद भी यहां की आबोहवा में आज भी उस दुर्घटना का खौफनाक मंजर साफ झलकता है. दर्द और दहशत से कराहते लोग और उनकी चीखें अभी भी लोगों के जेहन में ताजा है.

1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार प्लांट में बॉयलर फटने से हुआ था हादसा.


1 नवंबर दोपहर बाद करीब 3:45 पर एनटीपीसी की 500 मेगावाट क्षमता की छठी यूनिट के बॉयलर में तेज धमाका हुआ था. उसकी जद में जितने भी लोग आए थे सभी जिंदा जल गए. किसी को समझ ही नहीं आ रहा था आखिर हुआ क्या है? उस भयानक हादसे की दूसरी बरसी पर ईटीवी भारत ने उस दुर्घटना के पीड़ितों से मुलाकात कर उनके जीवन मे आए बदलावों के बारे में जाना.


हादसे ने कई जिंदगियों को बदल डाला
घटना के वक्त 63 मीटर की ऊंचाई पर काम करने वाले अमृत लाल कहते हैं कि उस दुर्घटना ने उनके जीवन में अंधकार भर दिया. परिवार में पत्नी के अलावा 3 बेटियां और 1 बेटा है. घर में अमृत लाल एकलौते कमाने वाले शख्स थे. बीते दो साल में ज्यादातर समय बिस्तर पर बीता. एनटीपीसी ने शुरुआत में मदद दी, लेकिन धीरे-धीरे वो भी बंद हो गई.

अमृत कहते हैं कि शरीर अब पहले जैसा साथ नहीं देता. वर्तमान अवस्था में रोजगार के जो भी सीमित अवसर हैं, वो भी नहीं आते. एनटीपीसी के अलावा मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से भी गुहार लगाई पर सुनवाई कहीं नहीं हुई. बेटियों की शादी की चिंता हमेशा सताती रहती है. बच्चों की पढ़ाई को लेकर मन परेशान रहता है.


एनटीपीसी से है रोजगार की उम्मीद
मौत को मात देकर जीवन जीतने में कामयाब रहे श्रीराम बॉयलर ब्लास्ट में बुरी तरह से झुलस गए थे. एनटीपीसी ने दिल्ली में उपचार कराया और 10 लाख का मुआवजा दिया, लेकिन हाथों में पहले जैसी क्षमता न होने की बात कहते हुए श्रीराम कहते हैं कि एनटीपीसी ने रोजगार देना तो दूर अब चिकित्सीय सुविधा से भी वंचित कर दिया है. मेडिकल बिल के खर्चे भी मिलने बंद हो गए.


एनटीपीसी से मिला था रोजगार का आश्वासन
हादसे में घायल मुकेश का कहना है कि शुरुआत में एनटीपीसी द्वारा रोजगार देने की बात कही जाती थी, लेकिन अब उसमें भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. रोजगार न मिलने के कारण उनके जीवनयापन में कठिनाई आ रही है. यही कारण है कि दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल हुए मुकेश अपने जीवन को नष्ट हुआ मान रहे हैं.


क्या कहता है एनटीपीसी प्रशासन
एनटीपीसी ऊंचाहार प्लांट के प्रभारी व समूह प्रबंधक भोलानाथ मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में दावा किया कि नवंबर 2017 की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के सभी पीड़ितों का एनटीपीसी द्वारा विशेष ख्याल रखा गया है. हादसे के तुरंत बाद घायलों को उनकी अवस्था के अनुसार दिल्ली और लखनऊ के अस्पतालों में निशुल्क चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. इसके अलावा सहायता राशि भी तत्काल निर्गत की गई थी. इसके अलावा घायलों को पेंशन सुविधा की व्यवस्था भी एनटीपीसी द्वारा की गई है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

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