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संगमनगरी में 'मौत का ब्रिज' या फिर मोक्ष की प्राप्ति...जानिए क्या है रहस्य

प्रयागराज सिटी को नैनी से जोड़ने वाला यमुना ब्रिज 20 साल पुराना है. संगमनगरी में यह 'मौत के ब्रिज' के नाम से जाना जाता है. 20 साल में 1 हजार से ज्यादा लोग यहां से कूदकर जान दे चुके हैं. देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट.

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संगमनगरी का मौत का ब्रिज.

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Published : Aug 20, 2020, 4:59 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 8:09 PM IST

प्रयागराज: शहर को नैनी से जोड़ने वाला यमुना ब्रिज जब से बना है, तब से ही यह सुर्खियों में है. संगमनगरी के लोग इस ब्रिज को शापित ब्रिज मान चुंके हैं. आए दिन कोई न कोई इस पुल से कूदकर जान दे रहा है. 20 साल पूरा करने के बाद भी अभी तक ब्रिज पर सुरक्षा के लिहाज से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. यमुना ब्रिज साल 2000 में निर्मित किया गया था. 20 साल पूरे होने पर अब तक लगभग 1 हजार से अधिक लोगों ने ब्रिज से कूदकर जान दी है. 20 सालों में इस पुल से कूदकर जान देने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है.

स्पेशल रिपोर्ट.

2000 में शुरू हुआ था पुल बनाने का काम
प्रयागराज सिटी को नैनी की ओर यमुना नदी के ऊपर बने यमुना ब्रिज बनाने का काम साल 2000 में शुरू हो गया था. इसके बाद साल 2004 को यह पुल पूरी तरह से तैयार हो गया था. इसके बाद इस पुल से होकर लोग नैनी से होते हुए मिर्जापुर और मध्यप्रदेश की ओर जाने को बेहतरीन रास्ता मिला है. नैनी ब्रिज को पूरी तरह से स्टील और केबिल पर टिकल पुल बनाया गया है. यह ब्रिज जितना ही अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है, उससे कहीं ज्यादा सुसाइड पॉइंट के नाम से जाना जाने लगा है.

नहीं रुक रहा है आत्महत्या का सिलसिला
20 साल पूरा करने के बावजूद अभी तक ब्रिज पर सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. ब्रिज का आधा हिस्सा नैनी थाना के अंतर्गत आता है और आधा भाग कीडगंज थाना के अंतर्गत आता है. सुरक्षा के लिए गार्ड की तैनाती की गई है, लेकिन आत्महत्या का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है. अपनी जिंदगी से निराश और परेशान लोग मरने के लिए पुल से यमुना नदी में छलांग लगाते हैं, लेकिन नाव चालक बहुत से लोगों को बचा लेते हैं. यमुना ब्रिज से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.

हर दूसरे दिन होती हैं मौत की घटनाएं

समाज सेवी अभय बाबा अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि नैनी को जोड़ने वाले यमुना ब्रिज का किसी ने उद्घाटन नहीं किया है, जब इस पुल का शुभारंभ किया गया तो उसी दिन पुल में एक्सीडेंट होने से दो लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद से हर दूसरे दिन यमुना ब्रिज से कूदकर जान देने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिस तरह से विदेशों में यह फिर अन्य शहरों में एक सुसाइड पॉइंट होता है, उसी तरह से प्रयागराज में नैनी यमुना का पुल सुसाइड पॉइंट के नाम से जाना जाता है.

मोक्ष की प्राप्ति मुख्य कारण
सोशल वर्कर बाबा अवस्थी ने बताया कि यमुना ब्रिज से कूदकर जान देने की घटना को लेकर शोध करने में पता चला कि यहां से कई कारणों से लोग कूदकर जान देते हैं. कोई कर्ज से परेशान होकर जान देता है तो कोई पारिवारिक विवाद की वजह से तो कोई इश्क के चक्कर में कूदकर जान देता है. इस सबके बाद सबसे मुख्य कारण यह शोध में निकलकर आया कि बहुत से लोग मोक्ष की प्राप्ति पाने के लिए यमुना ब्रिज से छलांग लगाकर जान देते हैं.

पौराणिक मान्यताओं का अभी हो रहा है पालन
बाबा अवस्थी ने बताया कि पौराणिक मान्यता रही है कि पहले के लोग किला के अंदर कैद अक्षयवट वृक्ष से कूदकर जान देते थे. जान देने से उनको मोक्ष की प्राप्ति होती थी. उस परंपरा को लोग निभाने के लिए किला के नजदीक बना यमुना ब्रिज से कूदकर जान देने से मोक्ष प्राप्ति की कल्पना करके जान देने के लिए छलांग लगा रहे हैं.

सुरक्षा को लेकर प्रशासन है लापरवाह

समाज सेवी बाबा अवस्थी ने बताया कि जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और यमुना ब्रिज के अधिकारियों से सुरक्षा को लेकर कई बार बात करने के बावजूद भी अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसा लगता है सरकार और प्रशासन इस पुल को सुसाइड ब्रिज बनाने में जुटी है. ब्रिज के अगल-बगल जाल लगवाने के लिए सरकार और जिलाधिकारी से मांग की गई, लेकिन अभी तक यह काम पूरा नहीं हुआ है.

सरकार के संरक्षण में बन गया मोक्ष पॉइंट
समाजसेवी बाबा अवस्थी ने बताया कि जब 20 सालों में प्रयागराज यमुना ब्रिज के ऊपर सुरक्षा के लिहाज से कोई इंतजाम नहीं किया गया है. अब उम्मीद करना मुश्किल है. सरकार के संरक्षण में यमुना ब्रिज अब सुसाइड पॉइंट बना दिया गया है.

एसपी सिटी ने दी जानकारी
एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि यमुना ब्रिज पर सुरक्षा के लिए ब्रिज बनाने वाली कंपनी से कई बार बात की गई है. पुल पर अधिक लोड होने की वजह से लोहे के जाल लगाना सम्भव नहीं है. इसके साथ ही नैनी की तरफ और कीडगंज की तरफ पुलिस चौकी बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है. शासन के आदेश आते ही पुलिस चौकी का निर्माण कराकर पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. यमुना ब्रिज से लगातार मौत की घटनाओं में बढ़ोतरी को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से कड़े कदम उठाए जाएंगे.

Last Updated : Aug 20, 2020, 8:09 PM IST

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