प्रयागराज: जिले के मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में किए गए एक शोध के जरिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया गया है. जिसके जरिए एक्सरे मशीन से कोरोना की जांच की जा सकती है. मैकेनिकल डिपार्टमेंट के एचओडी प्रोफेसर मुकुल शुक्ला के नेतृत्व में शोध कर यह सॉफ्टवेयर बनाया गया है. इस की टीम में शामिल चार वैज्ञानिकों ने डीप-एक्स नाम के सॉफ्टवेयर को बनाया है. इसकी मदद से एक्सरे मशीन से ही कोविड-19 कि जांच हो जाएगी. यह जांच कम लागत और कम समय में होगी. इसकी रिपोर्ट एक से दो मिनट के अंदर पता चल जाएगी.
मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के मैकेनिकल डिपार्टमेंट के एचओडी समेत चार लोगों की टीम ने मिलकर 6 महीने में डीप-एक्स सॉफ्टवेयर विकसित किया है. इसकी मदद से एक्सरे मशीन से ही कोरोना की जांच सम्भव होगी. इस तकनीक के जरिए एक्सरे मशीन से कोरोना की भी जांच हो जाएगी. इसके अलावा इस तकनीक के जरिए बिना किसी रेडियोलॉजिस्ट के ही कोरोना की पॉजिटिव या निगेटिव रिपोर्ट की जानकारी भी मिल जाएगी. इस सॉफ्टवेयर को इस तरह से बनाया गया है. जिससे मशीन से ही यह जानकरी मिल जाती है कि मरीज में कोरोना के लक्षण हैं या नहीं. इसके अलावा एक्सरे के जरिए ही कोरोना के वायरस फेफड़े के किस हिस्से में किस हद तक हैं, यह भी पता चल जाएगा.
कम पैसे और कम समय में मिलेगी रिपोर्ट
डीप एक्स तकनीक की मदद से डिजिटल एक्सरे के दौरान स्क्रीन पर आसानी से कोरोना के लक्षण दिख जाएंगे. डिजिटल एक्सरे के दौरान कम्प्यूटर की स्क्रीन पर भी अलग से दिखेगा. कोरोना संक्रमित के फेफड़े में मौजूद संक्रमण. जिससे कि डॉक्टरों को यह भी पता चल सकेगा कि मरीज के फेफड़े के किस हिस्से में किस हद तक कोरोना का संक्रमण है. इस तकनीक के इस्तेमाल से 150 से 200 रुपये में एक्सरे के दाम के बराबर में ही मरीजों की कोरोना जांच की सकती है. यही नहीं इस तकनीक के जरिए रेडियोलॉजिस्ट के न रहने पर भी रिपोर्ट की जानकारी मिल सकती है. क्योंकि डीप-एक्स सॉफ्टवेयर में ऐसी तकनीक है, जो कोरोना के लक्षण मिलते ही पॉजिटिव और लक्षण न मिलने पर निगेटिव भी बताता है. इस तकनीक के जरिए एक से दो मिनट के अंदर कोरोना की पहचान की जा सकती है.