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एक्स-रे मशीन से होगी कोरोना की जांच, दो मिनट के अंदर आ जाएगी रिपोर्ट - प्रयागराज खबर

प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में किए गए एक शोध के जरिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया गया है. जिसके जरिए एक्सरे मशीन से कोरोना की जांच की जा सकती है. मैकेनिकल डिपार्टमेंट के एचओडी प्रोफेसर मुकुल शुक्ला के नेतृत्व में शोध कर यह सॉफ्टवेयर बनाया गया है. यह जांच कम लागत और कम समय में होगी.

एक्स-रे मशीन से होगी कोरोना की जांच
एक्स-रे मशीन से होगी कोरोना की जांच

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Published : Dec 17, 2020, 7:20 AM IST

प्रयागराज: जिले के मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में किए गए एक शोध के जरिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया गया है. जिसके जरिए एक्सरे मशीन से कोरोना की जांच की जा सकती है. मैकेनिकल डिपार्टमेंट के एचओडी प्रोफेसर मुकुल शुक्ला के नेतृत्व में शोध कर यह सॉफ्टवेयर बनाया गया है. इस की टीम में शामिल चार वैज्ञानिकों ने डीप-एक्स नाम के सॉफ्टवेयर को बनाया है. इसकी मदद से एक्सरे मशीन से ही कोविड-19 कि जांच हो जाएगी. यह जांच कम लागत और कम समय में होगी. इसकी रिपोर्ट एक से दो मिनट के अंदर पता चल जाएगी.

एक्स-रे मशीन से होगी कोरोना की जांच.

मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के मैकेनिकल डिपार्टमेंट के एचओडी समेत चार लोगों की टीम ने मिलकर 6 महीने में डीप-एक्स सॉफ्टवेयर विकसित किया है. इसकी मदद से एक्सरे मशीन से ही कोरोना की जांच सम्भव होगी. इस तकनीक के जरिए एक्सरे मशीन से कोरोना की भी जांच हो जाएगी. इसके अलावा इस तकनीक के जरिए बिना किसी रेडियोलॉजिस्ट के ही कोरोना की पॉजिटिव या निगेटिव रिपोर्ट की जानकारी भी मिल जाएगी. इस सॉफ्टवेयर को इस तरह से बनाया गया है. जिससे मशीन से ही यह जानकरी मिल जाती है कि मरीज में कोरोना के लक्षण हैं या नहीं. इसके अलावा एक्सरे के जरिए ही कोरोना के वायरस फेफड़े के किस हिस्से में किस हद तक हैं, यह भी पता चल जाएगा.

एक्स-रे मशीन से होगी कोरोना की जांच.

कम पैसे और कम समय में मिलेगी रिपोर्ट
डीप एक्स तकनीक की मदद से डिजिटल एक्सरे के दौरान स्क्रीन पर आसानी से कोरोना के लक्षण दिख जाएंगे. डिजिटल एक्सरे के दौरान कम्प्यूटर की स्क्रीन पर भी अलग से दिखेगा. कोरोना संक्रमित के फेफड़े में मौजूद संक्रमण. जिससे कि डॉक्टरों को यह भी पता चल सकेगा कि मरीज के फेफड़े के किस हिस्से में किस हद तक कोरोना का संक्रमण है. इस तकनीक के इस्तेमाल से 150 से 200 रुपये में एक्सरे के दाम के बराबर में ही मरीजों की कोरोना जांच की सकती है. यही नहीं इस तकनीक के जरिए रेडियोलॉजिस्ट के न रहने पर भी रिपोर्ट की जानकारी मिल सकती है. क्योंकि डीप-एक्स सॉफ्टवेयर में ऐसी तकनीक है, जो कोरोना के लक्षण मिलते ही पॉजिटिव और लक्षण न मिलने पर निगेटिव भी बताता है. इस तकनीक के जरिए एक से दो मिनट के अंदर कोरोना की पहचान की जा सकती है.

एक्स-रे मशीन से होगी कोरोना की जांच.

इस तकनीक से छिप नहीं सकते कोविड पॉजिटिव
डीप-एक्स तकनीक के जरिए मरीजों के फेफड़े में कोरोना के संक्रमण को आसानी से पकड़ा जा सकता है. किसी व्यक्ति के अंदर कोरोना के लक्षण न दिख रहे हो और उसके फेफड़े में कोरोना का संक्रमण मौजूद है, तो यह तकनीक उसे तत्काल पकड़ लेगी.

कहां-कहां हो सकता है इस्तेमाल
डीप-एक्स सॉफ्टवेयर को तैयार करवाने वाले प्रोफेसर मुकुल शुक्ला का कहना है कि इस तकनीक के साथ एक्स-रे मशीन को एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन ,और बस अड्डे जैसे सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जा सकता है. इसके इस्तेमाल से वहां से यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों की जांच चंद पलों में की जा सकेगी. यहीं नहीं इन मशीनों को अस्पतालों में भी लगाया जा सकता है, जिससे कि अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीज और उनके परिजनों की आसानी से कोविड टेस्ट किया जा सकेगा.

पंजाब की एलेंजर कंपनी ने दी मान्यता
प्रोफेसर मुकुल शुक्ला का कहना है कि इस डीप-एक्स सॉफ्टवेयर को बनाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्निक का इस्तेमाल किया गया है. जिसकी मदद से रेडियोलॉजिस्ट की गैरमौजूदगी में भी सॉफ्टवेयर के जरिए ही आसानी से यह पता चल सकेगा कि कोरोना पॉजिटिव है या नेगेटिव. इस शोध में प्रोफेसर मुकुल शुक्ला के साथ ही डॉ. समीर सरस्वती, डॉ. मयंक मयूख, डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने मिलकर काम किया है. प्रोफेसर मुकुल शुक्ला के मुताबिक इस तकनीक को पंजाब की एलेंजर कंपनी ने मान्यता दी है. वह इस तकनीक का इस्तेमाल कर एक्सरे मशीन से कोरोना की जांच करने की शुरुआत कर चुकी है. संस्थान की तरफ से सरकार को इस शोध की जानकारी दे दी गई है. अब सरकार इस तकनीक का इस्तेमाल करके एक्सरे मशीनों के जरिए कोरोना जांच की शुरुआत कर सकती है. लेकिन उससे पहले सरकार की तरफ से इस तकनीक की पड़ताल अपने स्तर पर की जाएगी.

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